माहभर बाद बेटी की शादी, नहीं तौला जा रहा धान
पोखरा (बाराबंकी) समर्थन मूल्य पर धान खरीद के दावों सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं। आम किसा
पोखरा (बाराबंकी) : समर्थन मूल्य पर धान खरीद के दावों सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं। आम किसान को महीनों बाद का टोकन दिया जा रहा है। इससे किसानों का धान भीगकर अंकुरित हो रहा है तो कहीं धान बेचकर बेटी की शादी करने का उम्मीद रखने वाले किसानों की चिता की वजह बन रहा है।
हैदरगढ़ नवीन मंडी परिसर के धान क्रय केंद्र से अन्य किसानों की तरह बारा गांव का सुरेश को निराश होकर लौटना पड़ा। सुरेश ने बताया कि 26 दिसंबर को बेटी का विवाह होना है। 70 क्विटल धान की तौल कराने के लिए 12 दिन क्रय केंद्र पर खड़ा था। उन्होंने बताया कि प्रति एक हजार रुपये ट्रॉली का भाड़ा देना पड़ा। अब केंद्र प्रभारी ने धान को अधोमानक बताकर वापस कर दिया। पहले ही बता देते तो ट्रॉली का अतिरिक्त किराया न देना पड़ता। अब बिचौलियों से 10-12 सौ रुपये क्विटल में धान बेचना पड़ेगा। आरोप लगाया कि किसानों को लौटाया जा रहा है, जबकि व्यापारियों को बुला-बुलाकर तौल की गई। बारागांव के ही किसान आनंद प्रसाद सिंह ने बताया कि मुझे भी धान बेचना था। केंद्र पर दो ट्रॉलियों में धान लगा हुआ था। पिछले दिनों हुई तेज बारिश में धान भीग गया। अब उसकी तौल नहीं की गई है। मंडी परिषद धान क्रय केंद्र प्रभारी शिव गोविद यादव ने बताया कि बारागांव के सुरेश के धान में फरहा ज्यादा निकल रहा था, इसलिए धान की तौल नहीं कराई गई है।
राइस मिलर्स आज एफसीआइ को भेजेंगे पचास ट्रक चावल: समर्थन मूल्य पर क्रय केंद्रों पर खरीद को गति पकड़ने में अभी एक-दो दिन और लग सकते हैं। राइस मिलर्स ने गोदाम में भरे चावल को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) में उतारने के बाद धान की उठान करने की बात कही है।
राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अमूल सिंह ने बताया कि सोमवार को पचास ट्रक में 580 बोरी यानी 290 क्विटल चावल मिलर्स भारतीय खाद्य निगम को भेजेंगे। साथ ही जिला मुख्यालय पर एक प्रतिष्ठान पर मिलर्स बैठक कर उठान को लेकर चर्चा करेंगे। उन्होंने बताया कि उतारने में दिक्कत होने पर मिलर्स न सिर्फ एफसीआई पहुंचेंगे बल्कि जिलाधिकारी से भी शिकायत करेंगे। एफसीआइ में मिलर्स के चावल को खामियां बताकर नहीं उतारा जा रहा था। इससे मिलर्स क्रय केंद्रों पर खरीदे गए धान की उठान नहीं कर रहे हैं। इस कारण केंद्रों पर खरीद प्रभावित हो रही है। किसानों के आंदोलन और उनकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डीएम डॉ. आदर्श सिंह ने शनिवार को एफसीआइ का निरीक्षण कर मिलर्स का चावल उतारने के निर्देश दिए थे। इसके बाद खरीद को रफ्तार मिलने की उम्मीद को बल मिला था।