भारतीय संस्कृति की कला निखार रहीं आकांक्षा
बाराबंकी शहर निवासी आकांक्षा जायसवाल भारतीय नृत्य एवं कला संगीत में निपुण हैं। यह इस क्षेत्र में रुचि रखने वाली बेटियों के अंदर छिपी कला को निखार रही हैं। इन्होंने कथक नृत्यांगनाओं की टोली तैयार की है। जो जिले के देवा व महादेवा महोत्सव की शान बनती है।
वी. राजा, बाराबंकी: शहर निवासी आकांक्षा जायसवाल भारतीय नृत्य एवं कला संगीत में निपुण हैं। यह इस क्षेत्र में रुचि रखने वाली बेटियों के अंदर छिपी कला को निखार रही हैं। इन्होंने कथक नृत्यांगनाओं की टोली तैयार की है। जो जिले के देवा व महादेवा महोत्सव की शान बनती है। नवोदित कलाकारों को निखारने का आकांक्षा का जुनून अब रंग ला रहा है।
शुरुआत में कठिनाइयों का भी किया सामना: करीब सात वर्ष पूर्व शहर के मुहल्ला लखपेड़ाबाग निवासी आकांक्षा ने जब भारतीय संस्कृति की कला बेटियों में निखारने का कार्य शुरू किया तो उन्हें कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ा। वे बताती हैं कि बालिकाओं के परिजन नृत्य सीखने के लिए जाने नहीं देते थे। अभिभावकों को उनके घर जाकर समझाना भी बहुत कठिन था। बड़ी मुश्किल से एक वर्ष लगा हाल ढूंढने में। कोई किराये पर बड़ा हॉल भी देने को तैयार नहीं था। परिवारजन ने मुश्किल घड़ी में साथ दिया। उनके सहयोग से आज उनकी मेहनत रंग ला रही है।
प्रशिक्षु बोले आकांक्षा दीदी ने हमेशा किया प्रमोट: आकांक्षा के नेतृत्व में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं नैनसी, दीपांशी, अराध्या, अनवेशा, श्रुति आदि का कहना है कि आकांक्षा दीदी ने हमेशा से ही उन लोगों का साथ दिया है। उन्हीं की मेहनत की वजह से आज वे नृत्य कला में निपुण हैं। आकांक्षा के नेतृत्व में जिला स्तर के साथ राज्य स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल भी कई छात्राओं ने हासिल किए हैं। साथ ही नेशनल टेलीविजन पर रियलिटी शोज भी किए हैं। लखनऊ महोत्सव, यूपी महोत्सव, फतेहपुर महोत्सव, देवा व महादेवा महोत्सव में भी प्रशिक्षुओं ने प्रतिभाग कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। आकांक्षा बताती हैं कि वे कथक, एरोबिक, जुंबा, सिगिग, मॉडलिग, एक्टिग के साथ कोरियाग्राफी का भी प्रशिक्षण प्रदान कर रहीं हैं। आकांक्षा ने शास्त्रीय संगीत में परास्नातक किया व वेस्टर्न में डिप्लोमा किया है। वे कहती हैं कि कला के क्षेत्र में कुछ अलग करना चाहती हैं। बताया कि कोरोना काल में भी ऑनलाइन नृत्य कला सिखा रही है।