गो आश्रय केंद्रों पर पहुंची टीम, शुरू की जांच
गैर प्रांतों से आने वाले प्रवासी श्रमिकों को क्वारंटाइन करने के लिए कस्बा के किसी विद्यालय में अस्थाई आश्रय स्थल बनाए जाने की मांग उपजिलाधिकारी योगेंद्र कुमार से स्थानीय सभासदों ने की है।
बाराबंकी : गो आश्रय केंद्रों पर पशुओं को हरा चारा मिल रहा है और न ही पानी। पशु लगातार बीमार पड़ रहे हैं और कई स्थानों पर मौत भी हुई है। बुधवार के अंक में दैनिक जागरण में 'गो आश्रय स्थलों में पशु खा रहे सड़ा चारा' शीर्षक से खबर प्रकाशित होने के बाद शासन से भेजी गई टीम ने गोआश्रय केंद्रों पर पहुंच कर जांच की।
ज्वॉइंट डॉयरेक्टर डॉ. आनंद कुमार सिंह ने क्षेत्र की दो गो आश्रय स्थलों की जांच की। जहां पर पशुओं के रहने खाने-पीने आदि की व्यवस्था देखी। केंद्र पर पशुओं के लिए टीन शेड व हरा चारा न होने पर अपनी नाराजगी जाहिर की। बुधवार को उन्होंने अमरसंडा गो आश्रय की जांच तो यहां 214 पशु पंजीकृत मिले, लेकिन इन पशुओं के लिए इस भीषण गर्मी में छाया के लिए पर्याप्त टीन शेड न होने की कमी नजर आई। पशुओं को हरा चारा व पौष्टिक आहार की जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने कुर्सी गो आश्रय केंद्र देखा, यहां 150 पशु पंजीकृत मिले। हरा चारा व पौष्टिक आहार न मिलने पर नाराजगी जताई। पशु चिकित्सक अधिकारी डॉ. प्रेम चंद्र वर्मा, ग्राम विकास अधिकारी बृजकिशोर कुशवाहा, रामछवि गुप्ता, पशुधन प्रसार अधिकारी जयराम वर्मा मौजूद रहे।