श्रीकृष्ण और रुक्मिणी विवाह प्रसंग सुनाया
संवादसूत्र दरियाबाद (बाराबंकी) सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिन कथावाचक ने श्रीकृष्ण और रुक्मिणी विवाह प्रसंग सुनाया।
संवादसूत्र, दरियाबाद (बाराबंकी) : सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिन कथावाचक ने श्रीकृष्ण और रुक्मिणी विवाह प्रसंग सुनाया। कथा के समापन पर विशाल भंडारे का आयोजन हुआ। जिसमें काफी तादाद में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।
दरियाबाद के रानेपुर गांव में रामेश्वर तिवारी द्वारा सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया गया था। कथा के सातवें दिन कथावाचक पंडित ज्ञानभाष्कर शास्त्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने युद्ध जीतने के बाद विदर्भ राजकुमारी रूक्मणी जी को द्वारिका में लाकर पाणिग्रहण किया। उस समय द्वारिकापुरी के घर-घर में उत्सव मनाया जा रहा था। वहां के सभी लोगों का श्रीकृष्ण के प्रति बहुत अनन्य प्रेम था। द्वारिका में द्वार-द्वार पर दूब, खील आदि मंगल की वस्तुएं सजाई गई थी। भगवती रुक्मिणी के रूप में भगवती लक्ष्मी जी को साक्षात लक्ष्मीपति भगवान श्रीकृष्ण के साथ देखकर द्वारिकावासी नर-नारियों को परम आनंद हुआ। इस मौके पर जिसमें प्रदीप कुमार, एसपी तिवारी, संजय सिंह, काशीनाथ, प्रतीक रिटू समेत तमाम लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।