Move to Jagran APP

Barabanki News: बाढ़ प्रभावित गांव का निरीक्षण करने पहुंचे डीएम से बोला युवक- या तो गोली मार दें या सुरक्षा दें

तटबंध पर बिजली पानी व शौचालय के साथ ही पशुओं के भूसा-चारा की व्यवस्था में अधिकारियों-कर्मचारियों की मनमानी उजागर हुई। पशुओं के लिए भूसा व लोगों के लिए भोजन वितरण के संबंध में भी किसी तरह की सूची न बनाए जाने पर डीएम ने नाराजगी जताई।

By Prem ShankarEdited By: Shivam YadavPublished: Fri, 23 Sep 2022 12:29 AM (IST)Updated: Fri, 23 Sep 2022 03:20 AM (IST)
Barabanki News: बाढ़ प्रभावित गांव का निरीक्षण करने पहुंचे डीएम से बोला युवक- या तो गोली मार दें या सुरक्षा दें
डीएम ने समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया है।

बाराबंकी, जागरण संवाददाता। बाढ़ प्रभावित सुंदरनगर गांव के सुरेश ने डीएम से कहा कि साहब हम लोग बाढ़ में घर छोड़ने को विवश होते हैं। दो वक्त की रोटी के लाले हैं, इसलिए या तो गोली मार दीजिए या सुरक्षित स्थान पर बसाने की व्यवस्था कर दीजिए। डीएम ने समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया। गुरुवार को बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों की शरण स्थली बने हेतमापुर-सुंदरनगर तटबंध का डीएम अविनाश कुमार ने निरीक्षण किया और बाढ़ पीड़ितों का हाल जाना। 

loksabha election banner

डीएम ने हेतमापुर गांव के अंदर जाकर बाढ़ से हुए नुकसान को देखा। तटबंध पर बिजली, पानी व शौचालय के साथ ही पशुओं के भूसा-चारा की व्यवस्था में अधिकारियों-कर्मचारियों की मनमानी उजागर हुई। पशुओं के लिए भूसा व लोगों के लिए भोजन वितरण के संबंध में भी किसी तरह की सूची न बनाए जाने पर डीएम ने नाराजगी जताई। कहा कि कोई भी राहत सामग्री वितरित करने से पहले सूची बनाई जाए। सूची न बनाए जाने से अव्यवस्था होती है। सवाल भी उठते हैं। 

डीएम के निरीक्षण के दृष्टिगत पशु चिकित्सा विभाग की ओर से भूसे की व्यवस्था कराई गई थी, लेकिन तटबंध पर पशुओं सहित ठहरे लोगों के पशुओं की सूची नहीं बनाई गई थी। पांच किलो प्रति पशु भूसा देने का निर्देश है, ऐसे में कुछ लोग मनमाने तरीके से भूसा भरकर ले जाते दिखे। यह देखकर डीएम ने कहा कि हद है, इस तरह वितरण नहीं किया जाता है। पहले सूची बनाएं। 

वहीं भूसा पाने वाले चेतराम, राजाराम, दीपू व सरवन ने कहा कि अभी तक भूसा ही नहीं आया था तो सूची क्या बनाते। एंटी स्नेक इंजेक्शन रखने और गर्भवती महिलाओं की सूची बनाने निर्देश भी जिलाधिकारी ने सीएचसी अधीक्षक राजर्षि त्रिपाठी को दिए।

भोजन पैकेट नहीं, राशन किट की जरूरत

तटबंध अपने परिवार के साथ बसे जनक लाल, संतोष व मन्नू सहित अन्य ग्रामीणों ने पका पकाया भोजन वितरण व्यवस्था बंद कर राशन किट उपलब्ध कराने की मांग डीएम से की। ग्रामीणों ने कहा कि दोपहर 12 बजे तक भोजन पैकेट मिलता है। उसके इंतजार में बच्चे भूखे रहते हैं। राशनकिट मिलेगी तो अपने तरीके से लोग भोजन बनाएंगे। डीएम ने एसडीएम व अन्य संबंधित अधिकारियों को राशनकिट वितरण से पहले बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों की सूची बनाने के निर्देश दिए।

बस्ता लेकर चला करो

तटबंध पर बाढ़ प्रभावित परिवारों में किसके परिवार में कितने सदस्य हैं, इस सवाल पर डीएम को ग्राम पंचायत अधिकारी की याद आई। ग्राम पंचायत अधिकारी सुबोध कुमार को सामने बुलाकर पूछा कि परिवार रजिस्टर की नकल वाला रजिस्टर दिखाओ। 

इस पर वह बगले झांकने लगे तो डीएम ने कहा कि बस्ता लेकर चला करो। खंड विकास अधिकारी सूरतगंज व सहायक विकास अधिकारी भी मौके पर नहीं दिखे। उनसे स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिया।

पुलिस नहीं कर रही सहयोग

डीएम के निरीक्षण की खबर पहले से सभी को थी, इसके बावजूद तटबंध पर मात्र एक पुलिस कर्मी दिखाई पड़ा। डीएम ने सीओ फतेहपुर को फोन कर आपत्ति जताते हुए कहा कि पुलिस सहयोग नहीं कर रही है। डीएम थोड़ी दूर नाव से जाने के बाद करीब एक किलोमीटर पैदल चलकर हेतमापुर गांव पहुंचे। वहां एक पक्के पुल की स्थिति के बारे में गांव के लोगों से पूछा। 

गांव की खलीफुन, इसराइल, जहीर व सलीमा ने बताया कि पुल जर्जर हो गया है। पुल के बारे में अधिशाषी अभियंता बाढ़ कार्य खंड शशिकांत सिंह से पूछा तो वह भी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इस पर उन्हें सतर्क रहने के लिए कहा।

बाढ़ प्रभावित गांवों में पानी घटा, समस्याएं बढ़ी

सूरतगंज (बाराबंकी)। सरयू नदी की बाढ़ से प्रभावित गांवों में पानी भले ही घट गया है, लेकिन समस्याएं बढ़ गई हैं। लोगों को अब बीमारियों का खतरा है। गांवों में कीचड़ व गंदगी इतनी ज्यादा हो गई कि उसकी सफाई आसानी से नहीं हो सकती। चार-पांच दिन तक पानी भरा रहने से घास-फूंस व खरपतवार सड़ने से दुर्गंध आ रही है। 

गुरुवार को कोड़री गांव की मालती, नीलम व राम प्यारे अपने-अपने घरों में कीचड़ की सफाई करते दिखे। बताया कि पानी घटने के बाद गांव में अभी रहने की स्थिति नहीं बनी है। तटबंध पर झोपड़ी बनाई है। अभी हम लोग वहीं रहेंगे। गांव में गंदगी के कारण संक्रामक रोग फैलने का खतरा हो गया है, लेकिन अभी तक अधिकारी-कर्मचारी सिर्फ तटबंध तक ही सीमित हैं। लालपुरवा के छंगा ने बताया कि बाढ़ का पानी अचानक घर में भरने हर तरह की समस्या हो गई है। भोजन तटबंध पर ही मिल रहा है। फसलें भी बर्बाद हो चुकी हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.