Barabanki News: धान पर पहले सूखे, अब मौसम की मार, समय पर बारिश न होने से 30 फीसद फसल प्रभावित
जुलाई व अगस्त में कम बारिश के चलते पिछले वर्ष 180443 हेक्टेयर धान के सापेक्ष इस वर्ष 176645 हेक्टेयर धान की रोपाई हुई है। इसमें सुगंधित धान 2202 हेक्टेयर संकर धान 55577 तथा अन्य धान 117827 हेक्टेयर रकबे में बोया गया है।
बाराबंकी, जागरण संवाददाता। धान की फसल पर पहले सूखा अब बारिश की मार पड़ी है। धान के अलावा उड़द व लौकी, कद्दू, परवल, कुंदरू, करेला, खीरा सहित अन्य सब्जियों की फसलों को भी नुकसान हुआ है। जुलाई व अगस्त में जरूरत के मुताबिक बारिश न होने से करीब 30 प्रतिशत धान की फसल प्रभावित हुई। इसके बाद सितंबर के दूसरे पखवाड़े में जबरदस्त बारिश से धान की अगेती और अब धान की सभी तरह की फसलों को नुकसान पहुंचा है।
पिछले 36 घंटों के अंदर हुई 130.50 मिलीमीटर बारिश से बालियां निकलने के बाद पक रही धान की अधिकांश फसल खेतों में गिर गई हैं। खेतों में गिरी फसल में दाना बहुत कमजोर हो जाएगा। खेतों में गिरी फसल को खेत से निकालकर तैयार करना भी बड़ा जटिल काम है।
पिछले वर्ष के सापेक्ष कम हुई बारिश
पिछले वर्ष पांच अक्टूबर तक 1202.83 मिलीमीटर बारिश हुई थी। इस बार 978.66 मिलीमीटर हुई है, जो पिछले वर्ष से 224.04 मिलीमीटर ज्यादा है, जबकि सामान्य वर्षा का औसत 891.70 मिलीमीटर है। सामान्य वर्ष औसत से 86.96 मिलीमीटर बारिश ज्यादा हुई है। अब भी मौसम खराब है। शुक्रवार को भी बारिश होने के आसार हैं।
खरीफ में जून से अब तक हुई बारिश पर नजर डालें तो जून में 38.33, जुलाई 163.66, अगस्त में 231.33, सितंबर में 414.83, अक्टूबर में पांच अक्टूबर तक 130.50 मिलीमीटर बारिश हुई। पांच व छह अक्टूबर को नवाबगंज तहसील में 85, रामसनेहीघाट में 73, फतेहपुर में 165, हैदरगढ़ में 160, रामनगर में 220 व सिरौलीगौसपुर तहसील में 80 मिलीमीटर बारिश हुई है।
पिछले वर्ष से कम रोपा गया धा
जुलाई व अगस्त में कम बारिश के चलते पिछले वर्ष 1,80,443 हेक्टेयर धान के सापेक्ष इस वर्ष 1,76,645 हेक्टेयर धान की रोपाई हुई है। इसमें सुगंधित धान 2202 हेक्टेयर, संकर धान 55577 तथा अन्य धान 117827 हेक्टेयर रकबे में बोया गया है।
लागत भी निकालना होगा मुश्किल
बारिश से चलते बर्बाद हुई फसलों को देखकर मसौली के किसान राम कुमार व सुरेश ने कहा कि फसल का लागत मूल्य भी निकाल पाना मुश्किल होगा। धान के साथ ही सब्जियों व उड़द की फसल भी बर्बाद हो गई है। मसौली डाकघर, बिजली उपकेंद्र व थाना परिसर में जलभराव हो गया है।
त्रिवेदीगंज के किसान हरीराम, गुरुदीन, संदीप, हरिनाम, ताराचंद, रमेश कुमार ने कहा कि खेतों में पानी भरने से फसल सड़ जाएगी। हैदरगढ़ ब्लाक के ग्राम गंगापुर संसारा के प्रगतिशील किसान मंशाराम यादव ने धान की फसल खेत में गिरने से 25 से 30 प्रतिशत तक नुकसान होगा।
निंदूरा क्षेत्र के कुर्सी, टिकैतगंज, बाबागंज, अनवारी, बजगहनी, बड्डूपुर, भद्रास व रीवा सीवा सहित अन्य गांवों में किसानों की काफी धान की फसल खेतों में कटी पड़ी है। पानी न निकलना तो बहुत नुकसान होगा। दरावां के किसान रामतेज ने बताया कि पहले सूखा, फिर कल्याणी नदी का जलभराव और अब बारिश का कहर है।
सरकार से मुआवजे की मांग, ऐसे फसल बचाना मुश्किल
कुर्सी के किसान प्रदीप मौर्या ने बताया कि बारिश से गोभी की नर्सरी बर्बाद हो गई है। किसान प्रेम प्रकाश पांडेय, राजेंद्र प्रसाद पांडेय, सुनील कुमार सिंह, रोहित सिंह ने फसल नुकसान का मुआवजा की मांग सरकार से की है।
रामसनेहीघाट के किसान सत्यप्रकाश ने बताया कि धान व उड़द की फसल का नुकसान हुआ है। देवा ब्लाक के ग्राम पवैयाबाद, सलारपुर व सालेहनगर सहित अन्य गांवों के किसानों की धान की फसल बारिश और हवा में उलट गई है। लालपुर के अनिल वर्मा, अशोक, विजय व मिश्रीलाल ने बताया कि बारिश इसी तरह होती रही हो फसल बचाना मुश्किल होगा।