एंटी करप्शन की जांच में प्रशासन बना रोड़ा
- एंटी करप्शन के डीएसपी ने शुरू की थी त्रिवेदीगंज बीडीओ की जांच - डीएम व प्रमुख सचिव पंच
- एंटी करप्शन के डीएसपी ने शुरू की थी त्रिवेदीगंज बीडीओ की जांच
- डीएम व प्रमुख सचिव पंचायती राज को लिखा था पत्र
- अफसरों ने बीडीओ को नहीं हटाया, जांच ठप
संवादसूत्र, बाराबंकी : एडीओ पंचायत के घूस लेने के प्रकरण में खंड विकास अधिकारी भानु प्रताप ¨सह पर भी रिश्वत लेने का आरोप था, जिसकी जांच एंटी करप्शन के डीएसपी ने शुरू कर दी थी। डीएसपी ने प्रमुख सचिव पंचायती राज और जिलाधिकारी को पत्र लिखकर बीडीओ को उसके पद से हटाए जाने की मांग की थी, लेकिन प्रशासन ने बीडीओ को नहीं हटाया, जिससे करप्शन की जांच ठप हो गई है।
विकास खंड त्रिवेदीगंज केग्राम देवीपुर में ग्राम प्रधान प्रमोद वर्मा ने एंटी करप्शन की टीम से पांच मार्च को एडीओ पंचायत शिवाकांत ¨सह को रंगे हाथों उनके सरकारी आवास पर 25 हजार रुपये घूस लेते हुए पकड़वाया था। जिसका मुकदमा हैदरगढ़ कोतवाली में दर्ज कराया गया था। फैजाबाद भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट नंबर पांच में आरोपी शिवाकांत को पेश कर जेल भेज दिया गया था। इस मामले में एसपी एंटी करप्शन ने पूरे मामले की जांच डीएसपी उपेंद्र कुमार को सौंप दी थी। डीएसपी ने खंड विकास अधिकारी त्रिवेदीगंज भानु प्रताप ¨सह की जांच के लिए नौ मार्च को पत्राचार की प्रक्रिया शुरू की है। डीएसपी ने पहला पत्र शासन को भेजा और दूसरा पंचायती राज के प्रमुख सचिव को और तीसरा पत्र जिलाधिकारी बाराबंकी को लिखा है। बताया जा रहा है कि एंटी करप्शन टीम ने पत्र में खंड विकास अधिकारी को उनके पद से हटाने की मांग की थी। एंटी करप्शन टीम के मुताबिक जांच तभी संभव है, जब खंड विकास अधिकारी को उनके पद से हटा दिया जाए। यदि बीडीओ को हटाया नहीं जाता है तो बीडीओ रहते कोई भी गवाह गवाही नहीं देगा। यदि पारदर्शी और निष्पक्ष जांच करना है, तो आरोप के दायरे में आने वाले अफसर और कर्मचारी को उसके पद से हटाना होगा। बीडीओ को हटने के बाद टीम बीडीओ से पूछताछ करती लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिला प्रशासन के अफसरों से बीडीओ को बचाते हुए उनके पद से नहीं हटाया, जिससे जांच प्रक्रिया ठप हो गई है। एंटी करप्शन के डीएसपी उपेंद्र यादव ने बताया कि जांच तभी संभव होती है, जब अधिकारी अपने पद से हटता है। अभी बीडीओ को नहीं हटाया गया है। जांच जरूर होगी, भले ही क्यों न देर लगे। फिलहाल रिश्वत लेने वाले एडीओ पंचायत की चार्जशीट कोर्ट को सौंप दी गई है।