नई भर्ती भी नहीं पूरी कर पाएगी शिक्षकों की कमी
शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े पायदान में शुमार श्रावस्ती में अध्यापकों की नई भर्ती ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है। फिलहाल यहां 280 अध्यापकों की भर्ती के बावजूद कई विद्यालयों में शिक्षकों की कमीं बनी रहेगी।
श्रावस्ती : अशिक्षा व पिछड़ेपन का दंश झेल रहे श्रावस्ती जिले के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। सृजित पदों के सापेक्ष आधे से भी कम पर तैनाती होने से स्कूलों का भली भांति संचालन नहीं हो पा रहा है। नई भर्ती में भी सिर्फ 280 शिक्षक ही इस जिले को मिले हैं। ऐसे में तय है कि यह भर्ती भी जिले की शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर नहीं ला सकेगी।
नेपाल सीमा से सटे श्रावस्ती जिले की साक्षरता दर महज 51.72 प्रतिशत है। इसमें पुरूष साक्षरता 59.55 व महिला साक्षरता दर 43.89 प्रतिशत है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत शत प्रतिशत बच्चों को शिक्षित करने के लिए 889 प्राथमिक व 391 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। प्राथमिक स्कूलों में 3882 शिक्षकों के पद सृजित हैं। इसके सापेक्ष वर्तमान समय में 1752 शिक्षकों की तैनाती है। 2130 पद रिक्त हैं। सभी स्कूल खुलें और पठन-पाठन चलता रहे इसके लिए कई स्कूल एकल शिक्षकों के सहारे संचालित हैं। 69 हजार शिक्षकों की नई भर्ती से जिले के लोगों को काफी उम्मीदें थी, लेकिन यह भर्ती भी ऊंट के मुह में जीरा बन कर रह गई है। 280 नए शिक्षक मिलने से स्थिति में कुछ सुधार जरूर होगा, लेकिन बड़े बदलाव के लिए अभी और इंतजार करना होगा।
आज से शुरू होगी काउंसिलिग
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओमकार राना ने बताया कि नए शिक्षकों की बुधवार से जूनियर हाईस्कूल भिनगा के परिसर में काउंसिलिग होगी। यह काउंसिलिग छह जून तक सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक चलेगी। इस दौरान अभिलेखों का मिलान कर मूल अभिलेखों को जमा कराया जाएगा।