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बाराबंकी जहरीली शराब कांड में अब तक 26 की मौत

बाराबंकी में जहरीली शराब कांड में एक और युवक की मौत से मृतकों का आकड़ा 26 जा पहुंचा है।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 02 Jun 2019 10:59 AM (IST)Updated: Tue, 04 Jun 2019 12:39 PM (IST)
बाराबंकी जहरीली शराब कांड में अब तक 26 की मौत
बाराबंकी जहरीली शराब कांड में अब तक 26 की मौत

बाराबंकी, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में जहरीली शराब कांड में एक और की मौत से मृतकों की संख्या 26 तक पहुंच चुकी है। मंगलवार को इलाज के दौरान ट्रॉमा सेंटर में दो और लोगों की मौत हो गई। उधर, जिला चिकित्सालय में भर्ती कराए गए सभी मरीज शनिवार को डिस्चार्ज कर दिए। वहीं, लखनऊ के केजीएमयू व बलरामपुर अस्पताल में 13 मरीज अभी भी भर्ती हैं। वहीं केजीएमयू में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। 

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एक और की मौत से 24 पहुंची मृतकों की संख्या 

बाराबंकी शराब कांड में ट्रॉमा सेंटर में भर्ती जितेंद्र (40) पुत्र प्रेम चंद्र और सुंदर सिंह (65) पुत्र जय नारायण की इलाज के दौरान मौत हो गई। जितेंद्र अमरी राम नगर का रहने वाला वहीं सुंदर सिंह कजियापुर  राम नगर का निवासी था। वहीं कुछ दिन पहले मोहम्मदपुर खाला थानाक्षेत्र के ग्राम भवानीपुर निवासी रजनीश जायसवाल पुत्र बालक राम (40)  की मौत हुुई थी। इसका भाई रानीगंज में देसी शराब की दुकान चलाता था। मृतक अपने फूफा हीरा लाल के यहां रहता था। फूफा के निधन के बाद संपत्ति का मालिक भी हो गया था, चूंकि फूफा के कोई औलाद नहीं थी। उसका भाई शिवम जायसवाल रानीगंज देसी शराब ठेके को संचालित करता था। जहां मिलावटी शराब बेची जाती थी। 28 मई की रात रजनीश ने भी अपने घर की बनाई मिलावटी शराब पी थी, हालात गंभीर होने पर ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत शनिवार को हो गई। इसके बाद रजनीश का उसके पुस्तैनी गांव भवानीपुर में अंतिम संस्कार कर दिया गया। 

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एडीएम संदीप कुमार गुप्ता ने बताया कि शनिवार को रानीगंज निवासी रजनीश पुत्र स्वर्गीय बालकराम की मौत हुई है जिसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई। रिपोर्ट के बाद आर्थिक सहायता की चेक दी जाएगी। एडीएम ने बताया कि मृतक चेतराम, सर्वेश व राजेश के बारे में सीएमओ की अध्यक्षता में गठित टीम की रिपोर्ट मिलने के बाद आश्रितों को सहायता दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता चेक दे दी गई है।

खुद ही बनाता था मिलावटी शराब

रजनीश का भाई शिवम जायसवाल देसी ठेका चलाता था और देसी शराब में खुद की बनाई शराब की मिलावट करता था। यह भी नहीं था कि मिलावटी शराब रजनीश नहीं पीता था, वह रोजाना शराब पीकर ही सोता था। उसे क्या मालूम था कि उसकी बनाई मिलावटी शराब उसके अलावा 26 लोगों की और जान ले लेगी। 

जिला चिकित्सालय से सभी मरीज डिस्चार्ज, अभी भी 15 का हो रहा इलाज

मिलावटी शराब पीने से बीमार होकर जिला चिकित्सालय में भर्ती कराए गए सभी मरीज शनिवार को डिस्चार्ज कर दिए। लखनऊ के केजीएमयू व बलरामपुर अस्पताल में 15 मरीज अभी भी भर्ती हैं। उन्हें रविवार तक छुट्टी मिलने की उम्मीद है। एडीएम संदीप कुमार गुप्ता ने बताया कि शुक्रवार को 30 मरीज जिला चिकित्सालय से डिस्चार्ज के बाद पांच मरीज बचे थे, जिन्हें शनिवार को छुट्टी दे दी गई। लखनऊ में भी 15 मरीज ही बचे हैं जिनकी देखभाल की जा रही है। हालत ठीक है। 

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वांछित मनीष की गिरफ्तारी संग खुलेंगे कई राज

वहीं, घटना के बाद से शासन के सख्त तेवर को देखते हुए पुलिस के हाथ-पांव फूले हुए हैं। उच्चाधिकारियों द्वारा की जा रही मॉनीटरिंग के चलते पुलिस अधीक्षक अजय कुमार साहनी स्वयं एक-एक बिंदु की पड़ताल कर रहे हैं। उन्होंने इस अवैध कारोबार के नेटवर्क को ध्वस्त करने की रणनीति भी तैयार कर ली है। शराब कांड के वांछित मनीष सिंह की गिरफ्तारी के साथ पुलिस कई अहम राज खोलने की तैयारी में है।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस प्रकरण में परोक्ष या अपरोक्ष भूमिका निभाने वालों को कार्रवाई की जद में लाया जाएगा। प्रकरण में वांछित चल रहे मनीष सिंह की गिरफ्तारी के लिए टीमें मुस्तैद हैं। सीतापुर, गोंडा, बहराइच व अन्य पड़ोसी जनपदों की पुलिस से संपर्क स्थापित किया जा रहा है। कई अहम सुराग मिले है। जल्द ही आरोपित पुलिस के शिकंजे में होगा। मामले में पुलिस ने शराब की दुकान के अनुज्ञापी (लाइसेंस धारक) बहराइच निवासी दानवीर सिंह, शिवम जायसवाल, सुनील कुमार, पीतांबर और पप्पू को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।

शराब बंदी की मांग को लेकर दिया धरना

उधर, रामनगर क्षेत्र में मिलावटी शराब पीने से हुई मौतों के बाद शराब बंदी की मांग ने तेजी पकड़ी है। शनिवार को राष्ट्रीय भारतीय अखंड पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जिला गन्ना कार्यालय में धरना देकर शराब बंदी की मांग का मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को दिया। ज्ञापन में कहा गया है कि निरंतर शराब से हो रही मौतों के चलते शराब बंदी करने की जरूरत है। रामनगर क्षेत्र में 24 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वाले गरीब व मजदूर परिवारों के थे, जिनकी मौत के बाद अब उनके परिवार के भरण-पोषण का संकट हो गया है। 

2018 में हुईं थीं 11 की मौतें 

बता दें, 11 जनवरी 2018 को जिले के देवा और रामनगर क्षेत्र में 24 घंटे के अंदर 11 लोगों की मौत हुई थी। सभी को पेट दर्द व उल्टी-दस्त की शिकायत पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्रथमदृष्टया मौतों का कारण शराब अथवा स्प्रिट का सेवन बताया जा रहा था। बारांबंकी के गांव सलारपुर में दावत करने वाले राम नरेश के पिता अर्जुन को पुलिस ने हिरासत में लिया गया था। मरने वालों में देवा थाना क्षेत्र के मुनियापुरवा निवासी कमलेश (26) पुत्र बैरागी, ग्राम रीवां रतनपुर निवासी उमेश (22) पुत्र राम हरख, सलारपुर गांव निवासी सत्यनाम (30) पुत्र मेढ़ीलाल, ग्राम ढिढोरा मजरे सलारपुर निवासी राकेश (40) पुत्र नौमीलाल, मुनियापुरवा मजरे ताजपुर निवासी रामफल (27) पुत्र बैरागी, कचहरान निवासी मुन्ना बाल्मीकि (35), हुज्जाजी मुहल्ले के निवासी संजय, देवगांव निवासी नौमीलाल (40) पुत्र गंगाराम, जसनवारा गांव के माता प्रसाद (50) व रामनगर थाना क्षेत्र के थालखुर्द गांव निवासी अवनीश (29) और कांशीराम (28) शामिल थे।

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