Move to Jagran APP

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अव्यवस्थाएं चरम पर

बाराबंकी : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सकों की नियमित उपस्थिति नहीं है। जिसके कारण यहां पर र

By Edited By: Published: Sat, 21 Jan 2017 12:33 AM (IST)Updated: Sat, 21 Jan 2017 12:33 AM (IST)
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अव्यवस्थाएं चरम पर

बाराबंकी : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सकों की नियमित उपस्थिति नहीं है। जिसके कारण यहां पर रोजाना मरीजों को अव्यवस्थाओं से झेलना पड़ता है। यहां पर रैबीज का इंजेक्शन, एक्सरे, प्रसव व खून में जांच के नाम पर मनमानी फीस वसूली जाती है। स्वास्थ्य केंद्र के भवन के अंदर गंदगी का भारी अंबार है।

loksabha election banner

शुक्रवार को जागरण टीम ने स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र की हकीकत देखी। तो यहां पर अव्यवस्थाओं की पोल खुल गई। घाघरा नदी के तराई क्षेत्र के गांवों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने वाले इस केंद्र पर चिकित्सक अनुपस्थित रहते हैं। सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर जब स्वास्थ्य केंद्र की हकीकत देखी तो पता चला कि फार्मासिस्ट संजय चौधरी ही अपने कक्ष में मिले, बाकी एक्सरे कक्ष, चिकित्सक कक्ष, पैथालॉजी, लैब के कमरे बंद थे। इलाज कराने आए रामजी ने पूछने पर बताया कि चिकित्सक अमित दुबे की डयूटी है। लेकिन वह अपने आवास में बैठकर मरीजों को देख रहे हैँ। स्वास्थ्य केंद्र के बाहर तेजशंकर तिवारी पर्चा बनाने का कार्य कर रहे थे। मरीज पर्चा बनवाकर चिकित्सक के आने का इंतजार कर रहे थे। जागरण टीम के पहुंचने के बाद अफरा तफरी होने के बाद चिकित्सक हेमंत गुप्ता ने आकर ओपीडी में मरीजों को देखना शुरू किया। वहां पर पूछने पर पता चला कि यहां अधीक्षक वीरेंद्र मौर्य की तैनाती है लेकिन कब आए और कब चले गए यह निश्चित नही है। यहां पर एक्सरे के नाम पर पचास से सौ रूपये तक लिए जाने की शिकायत होना आम बात है। रैबीज के इंजेक्शन बिना सुविधा शुल्क के नहीं लगाया जाता है। स्वास्थ्य केंद्र पर टीकाकरण, प्रसव कक्ष के आस पास भारी गंदगी फैली है।

इनसेट-निजी कर्मी करते हैं इलाज का कार्य

स्वास्थ्य केंद्र के एक चिकित्सक के आवास पर अस्थाई नर्सिंग होम भी चलाया जाता है। यहां पर चिकित्सक के आवास निजीकर्मी भर्ती से लेकर मरीजों का इलाज करते हैं इतना ही नहीं अप्रशिक्षित हाथों इंजेक्शन से लेकर पूरा कार्य करते हैं। जिसकी शिकायत सामजिक कार्यकर्ता लीलाधर मिश्रा ने उच्चाधिकारियों से भी कर चुकें हैं। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

इनसेट- क्या कहते हैँ प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक

प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीके मौर्या का कहना है कि दस बजे से लेकर चार बजे तक ओपीडी का समय है। वह साढ़े दस बजे तक लेबर रूप में मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.