रिटायरमेंट के 13 वर्ष बाद एएमए को मिली निलंबन से मुक्ति
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दीपक मिश्रा, बाराबंकी
जिला पंचायत में अपर मुख्य अधिकारी के पद पर रहे राघव प्रसाद शुक्ल को रिटायरमेंट के 13 वर्ष बाद निलंबन से बहाली मिल सकी। निलंबन की वजह से पेंशन व अन्य क्लेम का लाभ नहीं मिल पा रहा था। दबी फाइल को जब मुख्य विकास अधिकारी खंगाल रहे थे। इसी दौरान उनकी नजर राघव प्रसाद शुक्ल के निलंबन फाइल पर गई। सीडीओ ने फाइल निकलाकर देखा तो पता चला कि निलंबन की वजह एएमए का एक घंटा कार्यालय देर से आना था।
वर्ष 2006 में जिला पंचायत में तत्कालीन अपर मुख्य अधिकारी (एएमए) राघव प्रसाद शुक्ल थे। उस समय तत्कालीन जिलाधिकारी लीना जौहरी ने जिला पंचायत का औचक निरीक्षण किया था। एएमए कार्यालय से गायब मिले थे। एएमए एक घंटा देर से कार्यालय आए थे। इसको लेकर जिलाधिकारी ने वेतन रोकते हुए शासन को पत्र भेज दिया। कार्रवाई के क्रम में राघव प्रसाद का तबादला गोंडा जिला कर दिया गया। राघव प्रसाद ने आदेशानुसार गोंडा में ज्वाइन कर लिया। इसके बाद 20 मार्च 2006 को राघव प्रसाद निलंबित कर दिए गए थे। यह निलंबन तब हुआ था, जब वह गोंडा में कार्यरत थे। निलंबित रहते ही 31 मार्च 2008 को सेवानिवृत्त हो गए। चूंकि यह मामला शासन स्तर का था तो निलंबित एएमए को बहाल करने की किसी भी अधिकारी ने हिम्मत नहीं जुटाई। इसी बीच राघव प्रसाद बहाली के लेकर मंत्रियों से लेकर अफसरों तक परिक्रमा लगाई लेकिन कहीं भी नहीं सुनी गई। थक हार कर राघव प्रसाद भी शांत हो गए। यह मामला फाइलों में कैद हो गया। शुक्र था कि मुख्य विकास अधिकारी अंजनी कुमार ¨सह खंगाल गुरुवार (31 जनवरी 2019) को कुछ फाइलें खंगाल रहे थे। इसी दौरान उनकी नजर राघव प्रसाद शुक्ल की निलंबन फाइल पर पड़ी, उन्होंने फाइल निकलवाकर देखा तो तो पता चला कि इनका निलंबन इसलिए हुआ था कि वह कार्यालय से देर से आए थे।
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एक घंटा देर और वेतन निकाल लेना कोई वित्तीय अनियमितता नहीं थी, गलती जरूर की थी, लेकिन इतनी लंबी सजा नहीं मिलनी चाहिए थी इसलिए इन्हें बहाल कर दिया गया है। अब उन्हें पेंशन और अन्य क्लेम का लाभ मिल सकेगा।
-अंजनी कुमार ¨सह, सीडीओ, बाराबंकी।