Move to Jagran APP

रिटायरमेंट के 13 वर्ष बाद एएमए को मिली निलंबन से मुक्ति

रिटायरमेंट के 13 वर्ष बाद एएमए को मिली निलंबन से मुक्तिरिटायरमेंट के 13 वर्ष बाद एएमए को मिली निलंबन से मुक्तिरिटायरमेंट के 13 वर्ष बाद एएमए को मिली निलंबन से मुक्तिरिटायरमेंट के 13 वर्ष बाद एएमए को मिली निलंबन से मुक्तिरिटायरमेंट के 13 वर्ष बाद एएमए को मिली निलंबन से मुक्ति

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Feb 2019 12:41 AM (IST)Updated: Sat, 02 Feb 2019 12:41 AM (IST)
रिटायरमेंट के 13 वर्ष बाद एएमए को मिली निलंबन से मुक्ति

दीपक मिश्रा, बाराबंकी

loksabha election banner

जिला पंचायत में अपर मुख्य अधिकारी के पद पर रहे राघव प्रसाद शुक्ल को रिटायरमेंट के 13 वर्ष बाद निलंबन से बहाली मिल सकी। निलंबन की वजह से पेंशन व अन्य क्लेम का लाभ नहीं मिल पा रहा था। दबी फाइल को जब मुख्य विकास अधिकारी खंगाल रहे थे। इसी दौरान उनकी नजर राघव प्रसाद शुक्ल के निलंबन फाइल पर गई। सीडीओ ने फाइल निकलाकर देखा तो पता चला कि निलंबन की वजह एएमए का एक घंटा कार्यालय देर से आना था।

वर्ष 2006 में जिला पंचायत में तत्कालीन अपर मुख्य अधिकारी (एएमए) राघव प्रसाद शुक्ल थे। उस समय तत्कालीन जिलाधिकारी लीना जौहरी ने जिला पंचायत का औचक निरीक्षण किया था। एएमए कार्यालय से गायब मिले थे। एएमए एक घंटा देर से कार्यालय आए थे। इसको लेकर जिलाधिकारी ने वेतन रोकते हुए शासन को पत्र भेज दिया। कार्रवाई के क्रम में राघव प्रसाद का तबादला गोंडा जिला कर दिया गया। राघव प्रसाद ने आदेशानुसार गोंडा में ज्वाइन कर लिया। इसके बाद 20 मार्च 2006 को राघव प्रसाद निलंबित कर दिए गए थे। यह निलंबन तब हुआ था, जब वह गोंडा में कार्यरत थे। निलंबित रहते ही 31 मार्च 2008 को सेवानिवृत्त हो गए। चूंकि यह मामला शासन स्तर का था तो निलंबित एएमए को बहाल करने की किसी भी अधिकारी ने हिम्मत नहीं जुटाई। इसी बीच राघव प्रसाद बहाली के लेकर मंत्रियों से लेकर अफसरों तक परिक्रमा लगाई लेकिन कहीं भी नहीं सुनी गई। थक हार कर राघव प्रसाद भी शांत हो गए। यह मामला फाइलों में कैद हो गया। शुक्र था कि मुख्य विकास अधिकारी अंजनी कुमार ¨सह खंगाल गुरुवार (31 जनवरी 2019) को कुछ फाइलें खंगाल रहे थे। इसी दौरान उनकी नजर राघव प्रसाद शुक्ल की निलंबन फाइल पर पड़ी, उन्होंने फाइल निकलवाकर देखा तो तो पता चला कि इनका निलंबन इसलिए हुआ था कि वह कार्यालय से देर से आए थे।

-----------------

एक घंटा देर और वेतन निकाल लेना कोई वित्तीय अनियमितता नहीं थी, गलती जरूर की थी, लेकिन इतनी लंबी सजा नहीं मिलनी चाहिए थी इसलिए इन्हें बहाल कर दिया गया है। अब उन्हें पेंशन और अन्य क्लेम का लाभ मिल सकेगा।

-अंजनी कुमार ¨सह, सीडीओ, बाराबंकी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.