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गुरू बिन ज्ञान कहां से पाएं राजकीय हाईस्कूलों के बच्चे

जागरण संवाददाता, बांदा : सूबे की शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए सरकार भले ही लाख दावे कर रह

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 11:19 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 11:19 PM (IST)
गुरू बिन ज्ञान कहां से पाएं राजकीय हाईस्कूलों के बच्चे
गुरू बिन ज्ञान कहां से पाएं राजकीय हाईस्कूलों के बच्चे

जागरण संवाददाता, बांदा : सूबे की शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए सरकार भले ही लाख दावे कर रही हो लेकिन धरातल पर उसकी हकीकत देखनी हो तो बांदा आइए। कहने को तो यहां पर माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा कुल 28 राजकीय हाईस्कूलों का संचालन किया जा रहा है। मगर शिक्षकों की कमी के कारण यहां की शिक्षा व्यवस्था राम भरोसे है। अधिकांश स्कूल ऐसे हैं जहां एक ही शिक्षक के भरोसे पूरे स्कूल का संचालन हो रहा है।

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------------------------ एक शिक्षक के सहारे 13 विद्यालय

सरकारी मानक की बात करें तो 28 विद्यालयों में 192 सहायक अध्यापकों के पद हैं। लेकिन 13 विद्यालय ऐसे है जहां एक ही शिक्षक की तैनाती है। सात विद्यालय के प्रधानाचार्य के भरोसे ही चल रहे है।

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महत्वपूर्ण विषयों के भी नहीं शिक्षक

विद्यालयों में गुरूजी की खाली पड़ी कुर्सियों का आलम यह है कि छात्र-छात्राओं को गणित, विज्ञान, अंग्रेजी सहित संस्कृत जैसे महत्वपूर्ण विषयों की तैयारी करना दिन में तारे देखने जैसा है। जिले के राजकीय विद्यालयों में कक्षा 9 में जहां 1460 तो दसवी में 1499 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इन विद्यालयों की शिक्षा की गुणवत्ता की परख इसी बात से की जा सकती है कि बीते सात सालों में यहां विद्यार्थी मेधावियों की दौड़ में टिक नहीं पा रहे हैं। ये है शिक्षकों की पीड़ा

नरैनी क्षेत्र के राजकीय हाईस्कूल महुई के प्रधानाचार्य शिवकुमार मिश्रा बताते हैं जब से विद्यालय संचालित हुआ तब से वह अकेले ही स्कूल चला रहे हैं। बबेरू के समगरा गांव में संचालित राजकीय हाईस्कूल के प्रधानाचार्य अवधेश कुमार गुप्ता ने बताया कि शिक्षक न होने की स्थिति में अकेले ही विद्यालय से लेकर विभाग का काम देखना पड़ता है। ------------------------------- छात्रों के बोल : 5-6 महीने बाद बोर्ड परीक्षा आयोजित होने वाली है। ऐसी स्थित में अंग्रेजी, गणित व विज्ञान जैसे विषयों की कैसे करें, ताकि पास होने की नंबर मिल जाएं समझ में नहीं आ रहा है। अवधेश ----------- - इस साल आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षा की तैयारी को लेकर काफी तनाव बना हुआ है। वंदना ----------- - विद्यालय में गणित, विज्ञान, अंग्रेजी जैसे विषयों की तैयारी नहीं हो पाती है। अजय --------- - शिक्षक न होने की स्थित के चलते विद्यालय में किसी भी बच्चे की तैयारी नहीं हो पाती है । गुड़िया --------- साहब बोले : आयोग से जो शिक्षक आ रहे हैं उन्हें राजकीय हाईस्कूलों में नियुक्त किया जा रहा है। कई विद्यालयों हैं जहां तीन-चार शिक्षक तैनात किए गए हैं। हिफजुर्रहमान जिला विद्यालय निरीक्षक , बांदा ----------------- विद्यालय की संख्या शिक्षक रिक्त पद 28 47 145


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