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हैंडपंपों से नालियों में बहने वाला पानी होगा संरक्षित

जागरण संवाददाता, बांदा : शहर व ग्रामीण इलाकों में जल निगम द्वारा लगाए गए हैंडपंपों का पानी न

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Jan 2019 10:30 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jan 2019 10:30 PM (IST)
हैंडपंपों से नालियों में बहने वाला पानी होगा संरक्षित
हैंडपंपों से नालियों में बहने वाला पानी होगा संरक्षित

जागरण संवाददाता, बांदा : शहर व ग्रामीण इलाकों में जल निगम द्वारा लगाए गए हैंडपंपों का पानी नालियों में बहकर बेकार हो जाता है। इसका कोई उपयोग नहीं हो पाता। जल निगम ने अब ऐसा मॉडल तैयार किया है। हैंडपंप का पानी फिल्टर होकर जमीन में जाएगा और भूजल स्तर में सुधार आएगा। साथ ही हैंडपंपों के आसपास जलभराव व गंदगी भी नहीं होगी।

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इनोवेशन व स्टार्टअप समिट में सरकारी विभागों ने स्टाल लगाकर जहां किसानों व ग्रामीणों को भिन्न-भिन्न जानकारियां दी वहीं जल निगम का भूजल संरक्षण को लेकर पेश किया गया मॉडल आकर्षण का केंद्र रहा। इस मॉडल को अवर अभियंता दीपू वर्मा ने तैयार किया है। जेई सुशील कुमार वर्मा व रोहित कुमार राना ने भी इस मॉडल में सहयोग किया। स्टालों के प्रदर्शन में इसे टापटेन का पुरस्कार भी जीता। बताया कि गांव व शहरों में कहीं भी हैंडपंप लगाने के दौरान ही इस मॉडल का प्रयोग किया जाएगा। पुराने हैंडपंपों में भी इसे पिट लगाई जा रही है। यह एक तरह की जाली है। हैंडपंप के बगल गड्ढा बनाकर उसमें फिट की जाएगी। हैंडपंप का जो भी वेस्ट पानी होगा वह इसमें फिल्टर होकर काकपिट के माध्यम से जमीन में जाएगा। जल निगम एक्सईएन अंचल गुप्ता ने बताया कि इससे जिले में हर रोज बर्बाद होने वाले करीब 20 एमएलडी पानी जमीन में संरक्षित होगा। जल स्तर में सुधार होने से गर्मी के दिनों में आने वाले जल संकट से भी छुटकारा मिलेगा। स्टाल के माध्यम से लोगों को प्रेरित किया। कहा कि यदि घरों व आसपास लगे हैंडपंपों में भी इसका प्रयोग करें तो काफी हद तक इससे छुटकारा मिल सकता है। उधर, जिला कार्यक्रम विभाग ने कुपोषण व उद्यान विभाग ने बागवानी व कृषि विभाग ने उन्नतिशील को लेकर लोगों को जागरूक किया। स्टाल के माध्यम से जिला कार्यक्रम अधिकारी इशरत जहां ने पोषण युक्त भोजन और सफाई के बारे में जानकारी दी। विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं व शिक्षकों ने स्टाल लगाकर कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। 178 स्टालों में 67 सरकारी विभागों के रहे। जबकि 90 स्टार करीब कंपनियों और संस्थाओं ने लगाए। स्टालों के माध्यम से करीब 40 हजार लोग प्रेरित हुए।


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