कालाबाजारियों के लिए कामधेनु बनी उज्ज्वला योजना
जागरण संवाददाता, बांदा : प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना महिलाओं की साथी बनने की बजाय कालाबाजारिया
जागरण संवाददाता, बांदा : प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना महिलाओं की साथी बनने की बजाय कालाबाजारियों के लिए कामधेनु बन गई है। आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से मंडल मुख्यालय में ही हर चौराहे व तिराहे पर गैस की अवैध रिफलिंग का कारोबार खुलेआम हो रहा है। ब्लैक में खरीद कर प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के घरेलू गैस सिलेंडरों को खपाया जा रहा है।
केंद्र सरकार ने ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को धुएं से होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना शुरू की है, लेकिन प्रशासनिक अनदेखी से यह लापरवाही की भेंट चढ़ गई है। जनपद में एक लाख से ज्यादा महिलाओं को गैस सिलेंडर व चूल्हे तो उपलब्ध करा दिए गए, लेकिन इनका उपयोग घरों में नहीं किया गया। चंद रुपयों के लाभ के लिए लाभार्थी महिलाएं सिलेंडरों को कालाबाजारी से जुड़े लोगों को बेच देती है। शहर में कालूकुआं, बाबूलाल चौराहा, गूलरनाका, पदमाकर चौराहा, चिल्ला रोड समेत सभी मोहल्लों में खुलेआम अवैध गैस रिफलिंग का कारोबार हो रहा है। इनमें उज्ज्वला योजना के सिलेंडर ही खपाए जा रहे हैं।
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इन्हें मिलता है योजना का लाभ
उज्ज्वला योजना में साल 2011 की जनगणना के हिसाब से जो परिवार बीपीएल श्रेणी में आते हैं, उन्हें इसका लाभ मिल सकता है। इसके तहत 3 साल की अवधि में दो लाख परिवारों को मुफ्त कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। चालू वित्तीय वर्ष में जिले में 1.9 लाख परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं। पीएम उज्ज्वला योजना के सिलेंडरों से रिफलिंग की जानकारी नहीं है। यदि ऐसा हो तो अभियान चलाकर ऐसे दुकानदारों के खिलाफ सख्त कारवाई की जाएगी।
-याकूब अहमद,क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी