हजार किमी का सफर तय कर आए, सीमा पर मिली मायूसी
या। आगे जाने से मना कर दिया। सुबह नौ बजे के आए यह कामगार भूखे-प्यासे आगे बढ़ने की उम्मीद में शाम पांच बजे तक बैठे रहे। जब पुलिस ने आगे बढ़ने का रास्ता नहीं दिया तो खेत के रास्ते तमाम प्रवासी पैदल ही निकल गए। बबेरू के रयान निवासी रामसेवक ने बताया कि वह पत्नी और तीन बच्चों के साथ नागपुर से आया है। लेकिन पुलिस न तो स्वास्थ्य जांच करा रही है और न ही आगे बढ़ने दे रही है।
संवाद सूत्र, कालिजर : लॉकडाउन के 50 दिन बीतने के बाद अब प्रवासी कामगार विचलित होकर अपने वतन को आ रहे हैं। किसी तरह निजी वाहनों से हजार किमी का सफर तय कर यहां तक तो पहुंच गए, लेकिन एमपी की सीमा में पुलिस ने रास्ता रोक दिया। घंटों भूखों बैठने के बाद महिलाओं व बच्चों के साथ खेतों के रास्ते होकर किसी तरह निकल रहे हैं।
जनपद में मध्य प्रदेश के तीन जनपद सतना, छतरपुर और पन्ना जिलों की सीमाएं जुड़ी हैं। यहां मध्य प्रदेश पुलिस और यूपी पुलिस की ओर से सीमा पर बैरियर लगाकर सील किया है। बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार नागपुर, महाराष्ट्र, हैदराबाद और जबलपुर से इन्हीं रास्ते से आ रहे हैं, लेकिन कालिजर के पास स्थित मध्य प्रदेश की सीमा पर पुलिस कामगारों को रोक दे रही है। शनिवार को नागपुर से ट्रकों में करीब 300 प्रवासी कामगार आए। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। पुलिस ने ट्रक को रोक दिया। आगे जाने से मना कर दिया। सुबह नौ बजे के आए यह कामगार भूखे-प्यासे आगे बढ़ने की उम्मीद में शाम पांच बजे तक बैठे रहे। जब पुलिस ने आगे बढ़ने का रास्ता नहीं दिया तो खेत के रास्ते तमाम प्रवासी पैदल ही निकल गए। बबेरू के रयान निवासी रामसेवक ने बताया कि वह पत्नी और तीन बच्चों के साथ नागपुर से आए हैं, लेकिन पुलिस न तो स्वास्थ्य जांच करा रही है और न ही आगे बढ़ने दे रही है। वहीं फतेहपुर के वसीम अहमद ने बताया कि वह सुबह से आए हैं। न तो खाने पीने का इंतजाम है और न ही पुलिस सहयोग कर रही है। हजार किमी का सफर कर यहां तक आ गए, अब आगे नहीं बढ़ने दिया जा रहा है। वहीं मोटरसाइकिल से नागपुर से आए महुआ के ज्ञान चंद ने बताया कि यहां कोई दुकान नहीं है कि कम से कम खाने को कुछ मिल जाए। पुलिस का रवैया बेहद खराब है।