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नाला-नालियों में पानी की धार को मिलेगी रप्तार

जागरण संवाददाता बांदा सूखी पड़ी बंधियों व नाला-नालियों को साफ कराकर उनका कायाकल्प कि

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 06:28 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 06:28 PM (IST)
नाला-नालियों में पानी की धार को मिलेगी रप्तार
नाला-नालियों में पानी की धार को मिलेगी रप्तार

जागरण संवाददाता, बांदा : सूखी पड़ी बंधियों व नाला-नालियों को साफ कराकर उनका कायाकल्प किया जाएगा। जिले के करीब ढाई सैकड़ा से ज्यादा बंधियों सहित नाला नालियों को कार्ययोजना में शामिल किया गया है।वहीं तालाबों की गाद (सिल्ट) व खरपतवार सफाई को भी वरीयता दी जा रही है। जिससे बारिश का पानी सहेजा जा सके।

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जिले में मनरेगा का सालाना श्रम बजट करीब सौ से सवा सौ करोड़ का है। दो लाख 87 हजार जाबकार्ड संचालित हैं। योजना में परसम्पत्तियों के सृजन के साथ जल व पर्यावरण संरक्षण के कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। कोरोना महामारी के चलते घरों को लौट आए प्रवासियों को ज्यादा से ज्यादा काम देने पर जोर है, ताकि गांव में आकर खाली हाथ न बैठना पड़े, इस पर अधिकारियों की नजर है। प्रवासियों को काम देने के लिए मनरेगा उपायुक्त ने ब्लाकों के कार्यक्रम अधिकारियों को पूर्व में ही पत्र जारी किया है। कहा है कि जिले में काफी संख्या में प्रवासी आए हैं, इन्हें नए जाबकार्ड जारी कर काम दिया जाए। पीएमवाइ व एमएमवाइ की दूसरी किस्त के सापेक्ष ई-मस्टर रोल जारी किए जाने के निर्देश भी दिए थे। आगे बारिश के मौसम को ध्यान में रखते हुए योजना के कार्यों की फेहरिस्त बनाई गई है। जिसमें जल व पर्यावरण संरक्षण के कार्यों को प्राथमिकता पर रखा गया है गावों में इस समय करीब 60 तालाबों की गाद (सिल्ट) व खरपतवार की सफाई कराकर उनमें जल धारण की क्षमता बढ़ाने का काम चल रहा है। साथ ही तीन सैकड़ा से अधिक बंधियों में वर्षा जल संचयन, निकासी व बहाव के रास्तों की सफाई सहित निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है। भूमि समतलीकरण के निर्माण को भी वरीयता दी गयी है। जिले में 18 लाख पौधरोपण के लिये गड्ढों की खोदाई का काम शुरू है। इनसेट-

सचिव व रोजगार सेवकों को सौंपी जिम्मेदारी

बांदा : गावों में आए प्रवासियों को रोजगार देने को सचिव व रोजगार सेवकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। कहा गया है कि कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए जो भी प्रवासी काम मांगे उन्हें प्राथमिकता के साथ जाबकार्ड बनाकर काम दिया जाए। इस कार्य में कतई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। --------

- मनरेगा के अंतर्गत प्रवासियों को गांव में ही रोजगार देने की व्यवस्था की गई है। सभी ग्राम पंचायतों में कार्य संचालित कराए रखने को ब्लाकों के कार्यक्रम अधिकारियो को निर्देश दिए गए हैं। -राघवेंद्र तिवारी, उपयुक्त मनरेगा


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