Move to Jagran APP

अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ा शहर का अवस्थी पार्क

शहर में स्थित अवस्थी पार्क शहरवासियों के सैर-सपाटे के लिए बना इकलौता पार्क है। जहां पर जनता भ्रमण कर अपनी थकान मिटाकर अपने आप को तरोताजा महसूस कर सके। लेकिन नगर पालिका के ठीक सामने बना यह पार्क अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ चुका है। 15 लाख रुपये की लागत से बने पार्क में फव्वारे का निर्माण केवल मात्र ढांचे की शक्ल में हुआ है। फव्वारा पूरी तरह से जर्जर हालत में पहुंच चुका है जिससे पार्क के सुंदरीकरण को बट्टा लग रहा है। पार्क में लगे सौर ऊर्जा लाइट के केवल

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 10:11 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 06:09 AM (IST)
अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ा शहर का अवस्थी पार्क
अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ा शहर का अवस्थी पार्क

जागरण संवाददाता, बांदा : 13875 वर्ग मीटर में फैला अवस्थी पार्क। वैसे तो इस पार्क में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोग सुबह टहलने आते है। पार्क की स्थिति भी ऐसी कि नगर पालिका के ठीक सामने ताकि हर वक्त अधिकारियों की इस पर नजर रहे। मगर ये पार्क आज भी अपनी दुर्दशा के आसूं बहा रहा है। पार्क में हर ओर गंदगी का अंबार है तो पालिका की ओर से लगवाए गए फव्वारे सिर्फ दिखावा ही साबित हो रहे हैं। सौर उर्जा से पार्क की रोशनी का जिम्मा लेने वाली लाइटें गायब हो चुकी है। आब ये पार्क बदहाली का शिकार हो गया और जिम्मेदार सामने होकर भी अपनी आंखें बंद किए हुए हैं।

loksabha election banner

वर्ष-1999 में शहरवासियों के सैर-सपाटे के लिए अवस्थी पार्क का निर्माण कराया गया। उद्देश्य था कि लोग यहां आकर सकून के दो पल गुजार सकेंगे। और खुद को तरोताजा कर सकेंगे। मगर समय के साथ ही ये पार्क अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ चुका है। 15 लाख रुपये की लागत से बने पार्क में फव्वारे का निर्माण केवल मात्र ढांचे की शक्ल में हुआ है। फव्वारा पूरी तरह से जर्जर हालत में पहुंच चुका है, जिससे पार्क के सुंदरीकरण को बट्टा लग रहा है। पार्क में लगे सौर ऊर्जा लाइट के केवल पोल ही बचे हैं। उसके सौर पैनल गायब हैं। एलईडी हाईमास्ट खराब है। शाम से ही पार्क में अंधेरा छाया रहता है। पार्क में वर्षों पुरानी खड़ी जीर्ण-शीर्ण टंकी किसी भी बड़े हादसे को दावत दे रही है।

----------------------

55 लाख का स्वीकृत हुआ था बजट, 19 लाख में बनी बाउंड्री

पिछले वित्तीय वर्ष में इस पार्क के जीर्णोद्धार के लिए 55 लाख का बजट स्वीकृत किया गया। इसमें 19 लाख रुपये से पार्क की बाउंड्री बनवाई गई। एलईडी लाइटों के साथ बच्चों के लिए झूले भी लगवाए गए। मगर रखरखाव न होने से ये सभी अब कबाड़ बन गए हैं।

---------------------

पार्क की स्थिति पर एक नजर

पार्क का नाम : अवस्थी पार्क

नोडल : नगर पालिका

लागत मूल्य : पार्क की देखरेख के लिए वित्तीय बजट आवंटित

निर्माण वर्ष : 1999

क्षेत्रफल : 13875 वर्ग मीटर

-------------------

सुविधाएं

बच्चों के झूले, खेल-कूद स्थल, वृद्धों एवं दिव्यांगों हेतु रैंप, बैठने हेतु बेंच, एलईडी लाइट्स, वाटर कूलर, फव्वारा एवं आइसक्रीम पार्लर, योगा स्थल, शौचालय

------------

अव्यवस्थाएं :

बच्चों व दिव्यांगों के रैंप गायब, बच्चों के झूले जर्जर अवस्था में, पाथ-वे लाइट्स व एलईडी हाईमास्ट खराब हैं, योगा स्थल का निर्माण है, शौचालय का निर्माण नहीं हुआ।

----------------------

दिव्यांग पर सुरक्षा का दायित्व

पार्क की सुरक्ष का दायित्व दिव्यांग व वृद्ध चौकीदार पर है। 10 बीघे से अधिक जगह में बने पार्क की देखभाल करने में अक्षम है। जिससे पार्क में अराजकता की स्थिति बनती रहती है।

---------------

बोले शहरवासी :

- ये पार्क शहर का सबसे पुराना पार्क है। यहां सैकड़ों की संख्या में लोग प्रतिदिन सुबह टहलने आते हैं। मगर यहां की अव्यवस्थाओं पर कोई ध्यान नहीं देता। सुंदरीकरण के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है। -रमेशचंद्र धूरिया

-----------------------

शहर के भाग-दौड़ भरे माहौल में शहरवासियों के लिए यह पार्क किसी वरदान से कम नहीं है, लेकिन इस पार्क को आज तक पूरी तरह व्यवस्थित नहीं किया जा सका। शहरवासी इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं।

-आयुष तिवारी

-----------------------

पार्क में जो भी दिक्कतें हैं उन्हें जल्द दूर किया जाएगा। पार्क के सुंदरीकरण के लिए बजट जारी किया गया है। शौचालय का निर्माण चल रहा है। काम पूरा होते ही जनता को समर्पित किया जाएगा।

-संतोष कुमार मिश्रा, अधिशाषी अधिकारी, नगर पालिका, बांदा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.