कैसेट बदलने के बाद नहीं की टेस्टिंग, एटीएम ने दिए पांच गुना ज्यादा नोट
जागरण संवाददाता बांदा इंजीनियर की लापरवाही गुरुवार को केनरा बैंक को भारी पड़ गई। एटी
जागरण संवाददाता, बांदा : इंजीनियर की लापरवाही गुरुवार को केनरा बैंक को भारी पड़ गई। एटीएम बनाने के बा इंजीनियर ने इसकी टेस्टिंग नहीं की। सेंसर में गड़बड़ी होने के कारण एटीएम से ज्यादा पैसे निकलते रहे। इससे बैंक को करीब 2.60 लाख रुपये का नुकसान हुआ। हालांकि 12 लोगों ने धनराशि वापस कर दी है। अन्य ग्राहकों का सुराग ही नहीं मिल रहा है। घटना के बाद से बैंक मैनेजर व कैशियर गायब हैं।
पिछले वर्ष बुलंद शहर में ऐसा वाकया हुआ था। वहां कैसेट बदलने में गड़बड़ी करने पर करीब दस लाख रुपये एटीएम से निकल गए थे। ठीक ऐसे ही घटना यहां 20 सितंबर को हुई। दोपहर में एनसीआर कंपनी के इंजीनियर अरुण ने एटीएम मशीन में आ रही गड़बड़ी को दुरुस्त किया। इसके बाद उसने जल्दबाजी में एटीएम को चेक नहीं किया। नतीजा यह हुआ कि उसके जाते ही ग्राहकों ने एटीएम से नोट निकाला तो आश्चर्यचकित रह गए। दस हजार रुपये निकालने पर 50 हजार रुपये निकल रहे थे। इस तरह कुल 26 लोगों ने करीब साढ़े तीन लाख रुपये निकाले। कैनरा बैंक को 2.60 हजार रुपये की चपत लग गई। ज्यादा रुपये निकलने की भनक किसी तरह अंदर पहुंची तो आनन-फानन एटीएम को बंद कराया गया। बैंक कर्मचारियों ने 12 लोगों के खाता संख्या के आधार पर उन्हें फोन किया तो वह करीब एक लाख रुपये बैंक आकर वापस कर गए। लेकिन अभी 14 ग्राहक ऐसे हैं, जिनका खाता संख्या ट्रैस नहीं हो पा रहा है। ऐसे में रिकवरी भी नहीं हो पा रही है। बैंक कर्मचारी लगातार उन ग्राहकों की जानकारी जुटाने में लगे हैं, पर करीब चार दिन बाद भी कोई पता नहीं चल पा रहा है। ऐसे में रुपये निकालने वाले ग्राहकों की भी बल्ले-बल्ले है। उधर, बैंक अधिकारियों का कहना है कि चूक इंजीनियर से हुई है। उसके खिलाफ एनसीआर कंपनी को शिकायत भेजी गई है। यदि ग्राहक पैसे नहीं लौटते हैं तो इंजीनियर से ही रिकवरी होगी। उधर, 20 सितंबर को नोट निकलने की घटना के बाद से बैंक मैनेजर विक्रम बहादुर सिंह और कैशियर नरेंद्र कश्यप छुट्टी पर चले गए हैं। प्रभारी मैनेजर मयंक भूषण निगम ने बताया कि रुपये निकलाने वालों को पता लगाया जा रहा है। अभी किसी के खिलाफ एफआइआर नहीं की गई है।