सड़क पर पैदल चलते समय रहें सतर्क, सटीक लें निर्णय
जागरण संवाददाता, बांदा : सड़क पर चलते समय कब आप हादसे का शिकार हो जाएं इसका कुछ भी ि
जागरण संवाददाता, बांदा : सड़क पर चलते समय कब आप हादसे का शिकार हो जाएं इसका कुछ भी निर्धारण नहीं है। वाहनों के बढ़ने से हर पल हादसे का खतरा बना रहता है। पैदल चलते समय हर समय सतर्क रहने की जरूरत है। सावधानी पूर्वक सड़क पार करें इससे सुरक्षा बनी रहेगी। सटीक निर्णय लेने की क्षमता से हादसा टलेगा।
तेज रफ्तार वाहनों के बीच सड़क पर पैदल चलना किसी बड़े जोखिम से कम नहीं है। यातायात नियमों की अनदेखी कर सड़क में दौड़ने वाले वाहन यमदूत बने रहते हैं। जरा सी सावधानी हटी दुर्घटना घटी के तर्ज पर हादसे हो रहे हैं। प्रतिवर्ष सड़क हादसों में 20 प्रतिशत मौत पैदल चलने वालों की होती है। इससे सड़क पर चलते समय पूरी तरह सतर्क रहने की जरूरत है। जरा सी चूक घातक बन सकती है। पैदल चलने वालों के लिए सड़क पार करना सबसे कठिन बात होती है। इस कठिनाई का सामना बेहद सटीक निर्णय के साथ लेना चाहिए। भ्रम की स्थिति व निर्णय लेने में असहजता हादसे का कारण बन सकती है।
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बच्चों को अकेले सड़क पार करने से रोकें :
- किशोर अवस्था 14 वर्ष की आयु सीमा के नीचे वाले बच्चों में निर्णय लेने की क्षमता ज्यादा प्रभावी नहीं होती है। ऐसे में कम बच्चे अक्सर सड़क पार करते समय गलती कर जाते हैं। वाहनों से टक्कर हो जाती है। किसी बड़े के मार्ग दर्शन व सहयोग से उन्हें सड़क पार कराना चाहिए।
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सड़क पर चलते समय यह रखें सावधानी
- सड़क में अपनी साइड का विशेष ध्यान रखें।
- मार्ग के किनारे से सावधान होकर चलें।
- ¨सगनल वाले स्थान पर हरी बत्ती जलने का इंतजार करें।
- यातायात कर्मी के दिशा निर्देशों का पालन करें।
- सड़क पार करते समय दौड़ना नहीं चाहिए।
- सड़क के दोनों ओर देखकर सड़क क्रास करें।
- मोबाइल में बात करते हुए सड़क पर न चलें।
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- गोष्ठियों व रैली के माध्यम से सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है। पंपलेट वितरित कर यातायात नियमों की जानकारी दी जाती है। जिससे हादसों पर अंकुश लग सके।
रवींद्र तिवारी यातायात निरीक्षक