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अतिक्रमण के बोझ से कराह रहीं शहर की सड़कें

जागरण संवाददाता, बांदा : शहरी की सड़कें अतिक्रमण के बोझ से कराह रही हैं। ज्यादातर व्

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 10:06 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 10:06 PM (IST)
अतिक्रमण के बोझ से कराह रहीं शहर की सड़कें

जागरण संवाददाता, बांदा : शहरी की सड़कें अतिक्रमण के बोझ से कराह रही हैं। ज्यादातर व्यवसाय सड़क व फुटपाथों पर चल रहा है। व्यस्ततम इलाके और बाजार में सड़कों पर दुकानदार सामान सजा देते हैं। उसके आगे साइकिल, रिक्शा व बाइकें खड़ी हो जाने से जाम की स्थिति हर समय रहती है। जिम्मेदार अधिकारियों को जानकारी के बावजूद आंखें मूंदे हैं। जनता इस अतिक्रमण से कराह रही है।

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सुप्रीम कोर्ट और शासन ने दो साल पहले अतिक्रमण को लेकर जिला प्रशासन को सख्त आदेश दिए थे। कहा गाय था कि शहर की सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करते हुए सौंदयीकरण कराया जाए। पहले साल तो पालिका व प्रशासन ने गंभीरता दिखाई। लेकिन अब जिम्मेदार अधिकारी इसकी औपचारिकता तक भूल बैठे। नगर के प्रमुख चौराहों, महेश्वरी देवी मंदिर चौराहा, रामलीला मैदान रोड, गूलरनाका, छावनी और कलेक्ट्रेट चौराहा अतिक्रमण की गिरफ्त में हैं। तहसील गेट के सामने तो अतिक्रमणकारियों ने हद ही कर दी है। यहां झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों तरफ दुकानदारों ने सड़क तक में कब्जा कर रखा है। पैदल चलना भी दूभर हो गया है। पटरियों पर अतिक्रमण के कारण ग्राहक सड़क पर वाहन खड़े कर खरीददारी करते हैं। इसके चलते मंडल मुख्यालय में पूरे दिन जाम की स्थित बनी रहती है। उधर, कोतवाली गेट से लेकर चौक बाजार तक अतिक्रमण से पूरे दिन जाम लगता है। बाबूलाल चौराहे में पिछले साल मार्च में बेकाबू हुई कार ने कई ठेलों में टक्कर मार दी थी।इसमें कई की जानें चली गईं। लेकिन पुलिस प्रशासन ने इससे सबक नहीं लिया। सड़क के दोनों ओर पटरियों पर ठेलों की भरमार रहती है। यही स्थित शहर के महाराणा प्रताप चौक और कालूकुआं की भी है। यहां पटरियां बची ही नहीं हैं। जिससे राहगीर पैदल निकल सकें। वे जान जोखिम में डालकर सड़कों पर निकलते हैं।

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बोले जिम्मेदार

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शहर का अतिक्रमण प्रशासन की निगाह में हैं। पर्वों की व्यस्तता की वजह से अभियान में विलंब हुआ है। जल्द ही अतिक्रमण को चिहिन्त कर सफाया किया जाएगा।

-हीरालाल, डीएम


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