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बांदा में सड़क हादसा : पेट्रोल पंप की नौकरी व खेती से लालबहादुर करता था भरण-पोषण

जागरण संवाददाता बांदा पपरेंदा निवासी जिस लाल बहादुर व उसकी मासूम बेटी सानवी की मौत हुई

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 12:20 AM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 12:20 AM (IST)
बांदा में सड़क हादसा : पेट्रोल पंप की नौकरी व खेती से लालबहादुर करता था भरण-पोषण
बांदा में सड़क हादसा : पेट्रोल पंप की नौकरी व खेती से लालबहादुर करता था भरण-पोषण

जागरण संवाददाता, बांदा : पपरेंदा निवासी जिस लाल बहादुर व उसकी मासूम बेटी सानवी की मौत हुई है। लाल बहादुर के भतीजे प्रदीप सिंह ने बताया कि चाचा के पास करीब तीन बीघा जमीन है। इससे कृषि कार्य के अलावा सर्वोदय नगर स्थित पेट्रोलपंप में तेल भरने की 5 हजार रुपये में नौकरी करते थे। बेटी शानवी का लॉक डाउन की वजह से इस बार स्कूल में एडमिशन नहीं हो पाया था। उसका जब मन होता था। पिता के साथ पेट्रोल पंप के पास शहर में रहने वाली ताई निर्मला के घर चली आती थी।

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हादसे के बाद नहीं मिले 33 सौ रुपये

- भतीजे प्रदीप ने बताया कि चाचा मोबाइल नहीं रखते थे। अपनी तनख्वाह के 33 सौ रुपये उन्होंने पेट्रोल से शाम को लिया था। लेकिन पर्स में उन्हें कुल 50 से 60 रुपये ही मिले हैं। उनके रुपये कहां हैं अभी तक कुछ पता नहीं चला है। भतीजे व स्वजन ने आरोपित बस चालक को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने व निलंबित करने की मांग की है।

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हर दल के नेता की रही मौजूदगी

भारतीय जनता पार्टी के तिदवारी विधायक बृजेश प्रजापति, बहुजन समाज पार्टी के पूर्व कोऑर्डिनेटर जगदीश प्रजापति, पूर्व विधायक दलजीतसिंह, बबेरू के पूर्व विधायक विशंभर सिंह यादव, सपा के अशोक सिंह गौर, पूर्व जिला उपाध्यक्ष सुशील त्रिवेदी सहित एडिशनल एसपी, थाना जसपुरा थाना पैलानी थाना चिल्ला थाना तिदवारी थाना मरका समेत भारी पुलिस बल मौजूद रहा।

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अरे, शानवी भी खत्म हो गई

जागरण संवाददाता, बांदा : अरे, शानवी भी खत्म हो गई, शुक्रवार को जिला अस्पताल के स्टाफ से केवल यही शब्द निकल रहे थे। रोडवेज-ऑटो टक्कर में उसके पिता की मौत के बाद यहां के कर्मचारियों ने अपनों की तरह उसकी देखभाल की थी।

गुरुवार देर शाम की बात है, तीन साल की शानवी उर्फ शमी अस्पताल के बेड पर सहमी लेटी थी। निगाहें अपनों को ही ढूंढ़ रही थीं। चारों तरफ चीख-पुकार से उसके चेहरे पर दहशत साफ झलक रही थी। उसने जब अपना और पिता का नाम बताया तो सभी नियति को कोसने लगे क्योंकि इस हादसे में उसके पिता पपरेंदा निवासी पेट्रोलपंप कर्मी लाल बहादुर की मौत हो चुकी थी। जिला अस्पताल स्टाफ ने बच्ची से अपनत्व दिखाया और इलाज किया तो वह थोड़ा सहज हुई और इलाज शुरू होते ही सो गई। चाचा ओमप्रकाश व तुलसीनगर निवासी फुफेरा भाई विकास, चचेरी बहन सोनू व बुआ ऊषा उसे रेफर कराकर इलाज के लिए कानपुर ले गए। उसका इलाज करने वाले डॉ.अभिषेक ने बताया था कि उसके ब्लड ज्यादा नहीं निकला है लेकिन सिर में अंदरुनी चोट आई थी।


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