बांदा में सड़क हादसा : पांच दिन की मजदूरी शाम को लेकर लौटूंगा, खरीदेंगे सामान
जागरण संवाददाता बांदा हादसे में दम तोड़ने वाला मान सिंह मूल रूप से हमीरपुर जिले के ग्राम प
जागरण संवाददाता, बांदा : हादसे में दम तोड़ने वाला मान सिंह मूल रूप से हमीरपुर जिले के ग्राम पतारा का रहने वाला था। इधर करीब पांच वर्ष से वह अपनी पत्नी नीलम के साथ ससुर रामबहादुर के घर पपरेंदा गांव में रह रहा था। ससुर ने बताया कि पिता ने चार बीघा जमीन बेच दी थी। हिस्सा न देने से वह ससुराल में रहने लगा था। यहां रोजाना चार सौ रुपये में शहर बेलदारी करने जाता था। पत्नी ने बताया कि हादसे के दिन सुबह पति चटनी पराठा खाने के साथ दोपहर का खाना साथ लेकर आए थे। घर से चलते समय पति ने बताया था कि उसकी पांच दिन की मजदूरी का पैसा बकाया है।
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लॉक डाउन में लौटा था गांव, जाना था अहमदाबाद
- स्वजन ने बताया कि मानसिंह अहमदाबाद की कपड़ा कंपनी में हेल्पर का काम करता था। लेकिन कोरोना संक्रमण को लेकर लॉक डाउन लगने से मई माह में वह पत्नी के साथ वापस पपरेंदा गांव लौट आया था। दीपावली के समय वापस अहमदाबाद जाने का टिकट बनवाया था। लेकिन ससुराल पक्ष के कहने पर उसने टिकट कैंसिल करा दिया था। उनका कहना था कि कोरोना संक्रमण शांत होने के बाद कमाने बाहर जाएंगे। पत्नी ने बताया कि अहमदाबाद के शेरपुर मोहल्ले में किराए के मकान में उनका अभी पूरा सामान रखा है।
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पति व बेटी की मौत ने तोड़ दिया मानसी को
- मां मानसी बेटी शानवी व पति की मौत से बेहाल रही। उसके ऊपर एक साथ दोहरा गम रहा। अपनी सात माह की बेटी मानवी को सीने से लगाकर सिसकती रही। कई बार गम में गश खा गई। परिवार की महिलाएं उसे ढांढस बंधाती रहीं। जबकि अबोध सात माह की बच्ची को मां व अन्य स्वजन के रोने के बारे में कोई इल्म नहीं था।