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शस्त्र डकैती के आरोपितों की फिर हो सकती है रिमांड

जागरण संवाददाता, बांदा : शस्त्र डकैती के आरोपितों की रिमांड खत्म होने के बाद भले ही पुलि

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Jul 2018 10:22 PM (IST)Updated: Sun, 15 Jul 2018 10:22 PM (IST)
शस्त्र डकैती के आरोपितों की फिर हो सकती है रिमांड
शस्त्र डकैती के आरोपितों की फिर हो सकती है रिमांड

जागरण संवाददाता, बांदा : शस्त्र डकैती के आरोपितों की रिमांड खत्म होने के बाद भले ही पुलिस ने उसे जेल भेज दिया हो लेकिन अभी भी कई अन्य ऐसे अनसुलझे पहलू है जिसके लिए पुलिस उन्हें दोबारा रिमांड पर ले सकती है। पुलिस सूत्रों की माने तो अभी तक सीरप विक्रेता व नंबर प्लेट बनाने वाले की पहचान नहीं हो सकी। फिलहाल पूछताछ में जो बातें समाने आई उन्हीं के अनुसार जांच चल रही है।

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शहर के स्टेशन रोड हर¨मदर ¨सह की शस्त्र दुकान में 13 दिसंबर वर्ष 2017 को डकैती पड़ी थी। घटना को अंजाम देने वालों ने चौकीदार को पीटकर बंधक बना लिया था। दुकान से 44 असलहों के साथ हजारों कारतूस लूटकर आरोपी चौपहिया वाहन से नासिक फरार हो गए थे। घटना के बाद महाराष्ट्र की नासिक पुलिस ने मुख्य आरोपी साहिल उर्फ बदयूजमान उर्फ सुख्खा पाचा निवासी अंबासीन शिवड़ी, नागेश निवासी भाई प्रेरणा नेरूल न्यु मुंबई, अमीर शेख आदमची दीवान चाख शिवड़ी क्रास रोड मुंबई, वाजिद अली क्रास रोड गांधीनगर शिवड़ी मुंबई, संजय सालूके 4 विध्नहड़ता सुमन नगर अन्ना गार्ड ट्रांबे रोड चैंबूर महाराष्ट्र, बड़ा सलमान 153 ए ट्रेव्यूनल टेनिस ब्रांडरोड नागवाड़ा मुंबई के साथ यहां शहर के एक नाबालिग आरोपी को पकड़कर जेल भेजा था। वहां पकड़े जाने के बाद यहां की पुलिस को बी वारंट न्यायालय में दाखिल करने पर वहां से ट्रांजिस्ट रिमांड मिला था। इससे तीन जुलाई को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यहां की जेल लाया गया था। यहां पुलिस आरोपितों को 48 घंटे की रिमांड लेकर गहराई से पूछताछ की। जिसमें गैस कटर व सिलेंडर कहां से लिया था यह बातें तो उजागर हो गईं पर अभी तक पुलिस की मानें तो उन्होंने भारी मात्रा में सीरप किस मेडिकल स्टोर से लिया था यह खुलासा नहीं हो सका है। इसी तरह चौपहिया वाहन की नंबर प्लेट शहर की किस दुकान से बनवाई थी इस बात की भी पुष्टि नहीं हो सकी है। इससे साफ जाहिर है कि जांच का कार्य अभी अधूरा है। कोतवाली प्रभारी श्रीनिवास का कहना है कि ज्यादातर पूछताछ व जांच पूरी हो चुकी है। मेडिकल स्टोर को वह पहचान नहीं सके हैं। जांच में अगर आवश्यकता पड़ी तो दोबारा रिमांड में लेने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए न्यायालय से गुजारिश करनी पड़ेगी।


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