अनुसूचित जाति के किसान को अपमानित करने में दोषी को सजा, जुर्माना
जागरण संवाददाता बांदा अनुसूचित जाति के किसान को जाति सूचक शब्दों से अपमानित करने के मामल
जागरण संवाददाता, बांदा : अनुसूचित जाति के किसान को जाति सूचक शब्दों से अपमानित करने के मामले में विशेष न्यायाधीश एससीएसटी मोहम्मद कमरूज्जमा खान की अदालत से दोषी को एक वर्ष की सजा सुनाई गई है। अन्य धाराओं सहित 28 सौ रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। विचाराधीन मामले में 15 साल चार माह बाद फैसला आया है।
विशेष अभियोजक विमल सिंह व सहायक शासकीय अधिवक्ता जावत्री विश्वकर्मा ने बताया कि अतर्रा थाना क्षेत्र के महोतरा गांव निवासी द्वारपाल वर्मा ने मुकदमा नौ अक्टूबर वर्ष 2006 में मुकदमा दर्ज कराया था। न्यायालय के आदेश पर दर्ज मुकदमें उसने बताया था कि उसकी भूमिधरी जमीन पर आरोपित द्वारिका आरख कब्जा कर रहा था। उसने कोर्ट से हथबंदी का मुकदमा दायर कर जमीन की पैमाइश कराई थी। राजस्व अधिकारियों ने मौके पर जाकर पत्थर गड़वाए थे। लेकिन विपक्षी द्वारिका आरख ने 28 अगस्त वर्ष 2006 को उसके खेत का दस बिस्वा रकबा जबरन जोत लिया था। मना करने पर गाली-गलौज व जाति सूचक शब्दों का प्रयोग कर जान से मारने की धमकी दी थी। मामले का आरोप पत्र न्यायालय में क्षेत्राधिकारी तेज पाल सिंह ने पेश किया था। सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से पांच गवाह पेश किए गए। पत्रावल में उपलब्ध साक्ष्यों के अवलोकन व अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने बुधवार को द्वारिका आरख को दोषी पाते हुए सजा व जुर्माना सुनाया है।