खाताधारकों की पड़ताल में खुली घोटाले की पोल
जागरण संवाददाता, बांदा : जिले के ओरन नगर पंचायत में जिला सहकारी बैंक की शाखा में खातों स
जागरण संवाददाता, बांदा : जिले के ओरन नगर पंचायत में जिला सहकारी बैंक की शाखा में खातों से निकाली गई करोड़ों रुपये की रकम का घोटाला परत-दर-परत खुलकर सामने आ रहा है। यह घोटाला करीब सवा साल से किया जा रहा है। खाताधारकों के खाते से निकली धनराशि की जानकारी तब हुई जब उनके बांड समय पूरा हुआ और वह धनराशि निकालने बैंक गए। खाता चेक कराया तो लाखों रुपये जमा होने के बावजूद खाता निल मिला। एक कपड़ा व्यवसायी को तो कैशियर व मैनेजर ने करोड़पति बना दिया। उसके खाते में 1.83 करोड़ रुपये का ट्रांजक्शन हो गया। जब आयकर विभाग की नोटिस पहुंची तो उसे जानकारी हुई।
उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक, शाखा ओरन में पिछले साल खाताधारकों के खाते से करीब 66 लाख रुपये निकले थे। जानकारी होने पर खाताधारकों ने होहल्ला किया तो कैशियर व उसके डायरेक्टर पिता ने खातों में वापस रकम डालकर किसी तरह स्थिति संभाल ली। लेकिन इसके बाद घपले का सिलसिला नहीं रूका। इसके बाद अन्य खाताधारकों को निशाना बनाया गया। धीरे-धीरे 523 खाताधारकों के खाते से करीब तीन करोड़ रुपये की धनराशि निकाल ली। अतर्रा के टाइल्स व्यवसायी विक्रम ¨सह ने बताया कि वह सहकारी बैंक ओरन के खाताधारक हैं। उनका बचत खाता है। उसमें 17 लाख 60 हजार रुपये जमा थे। बाद में पता चला कि उसके खाते से किसी एचसीएल सीमेंट कंपनी में सारी रकम भेज दी गई। उसने प्रधानमंत्री से लेकर जिलाधिकारी तक शिकायत की थी। जीएम को दो बार पत्र लिखा। अभी तक उसे धनराशि नहीं मिली। खाता धारक आनंद पांडेय ने बताया कि वह बैंक में खाता धारक हैं। लेकिन कैशियर स्थानीय होने के नाते ज्यादा कुछ नहीं कह सकते। धनराशि निकलने का मामला सुलट गया है। वहीं खाता धारक अखिलेश कुमार भी इसका शिकार हुए। बताया कि स्थानीय होने के नाते वह ज्यादा विरोध नहीं कर पा रहे हैं। लेकिन जो भी हुआ है वह खाताधारकों के साथ ची¨टग है। इस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
-----------
अनिल बन गए करोड़पति
बैंक में हुए घोटाले में भले ही 500 खाताधारकों को झटका लगा हो, पर अतर्रा के कपड़ा व्यवसायी अनिल गुप्ता रातोंरात करोड़पति बन गए। बताया कि वह उक्त बैंक में खाताधारक है। उसके खाते में 17 लाख रुपये जमा थे। लेकिन पासबुक इंट्री करने पर पता चला कि उसके खाते में हाल ही में एक करोड़ 83 लाख रुपये डाला गया था। जबकि उसे यह पता ही नहीं कि किसने डाले। डीएम व मुख्यमंत्री के संज्ञान में यह जानकारी दी। उधर, आयकर अधिकारी की नोटिस के बाद उसे इतनी बड़ी रकम खाते में आने की जानकारी हुई।
--------------
-बैंक घोटाले का सारा चिट्ठा माह भर के अंदर सामने आ जाएगा। बैंक मैनेजरों की छह सदस्यीय टीम को जांच में लगाया गया है। सभी खाताधारकों को उनकी धनराशि दिलाई जाएगी।-आरके पांडेय, महाप्रबंधक, उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक