आधुनिक डाकघरों में कुछ भी हाईटेक नहीं
जागरण संवाददाता, बांदा : बैंकों की तर्ज पर डाकघरों को आधुनिक सुविधाओं की लैस करने क
जागरण संवाददाता, बांदा : बैंकों की तर्ज पर डाकघरों को आधुनिक सुविधाओं की लैस करने की कवायद भले ही दो वर्षो से चल रही है। प्रधान डाकघर को कोर बै¨कग (सीबीएस) सुविधाओं से लैस भी किया गया है। ताकि डाकघर में आने वाले ग्राहकों को कतारों में न लगना पड़े। एटीएम भी खोले गए। मगर विभाग की ये सारी कवायदें धरी की धरी रह गई। आधुनिक स्वरूप धारण कर चुके ये डाकघर अभी भी हाईटेक नहीं हो सके। कभी पोस्टल आर्डर न होने की समस्या तो कभी नेटवर्क की समस्या आम हो गई है।
चित्रकूटधाम मंडल में बांदा व हमीरपुर जनपद में प्रधान डाकघर हैं। इसके अलावा चारों जिलों में 48 उप डाकघर हैं। मोबाइल के बढ़ते क्रेज और बैंकों में बढ़ती हाईटेक सुविधाओं के चलते डाकघरों का कार्य सीमित हो गया था। चिट्ठी पत्री से लेकर मनी आर्डर आदि के काम तो सालों से हो तकरीबन खत्म हो चुके हैं। ग्राहकों की कमी होने से डाकघरों में सब कुछ अव्यवस्थित हो गया था। सरकार ने बैंकों की तरह डाकघरों को भी हाईटेक करने की पहल की। दो साल पहले डाक घरों को हाईटेक करने के लिए इन्हें कोर बैंकिग सिस्टम (सीबीएस) से जोड़ा गया। इसके पीछे मकसद था कि ग्राहकों सहित पोस्ट आफिसों का सारा डाटा आनलाइन रहेगा। एक क्लिक पर ग्राहक का सारा ब्योरा सामने आ जाएगा। प्रधान डाकघरों में नए कंप्यूटर लगाने के साथ इन्हें कोर बै¨कग से जोड़ा गया। लेकिन शुरुआत दौर से ही यह सिस्टम पटरी पर नहीं आ सका। सबसे बड़ी समस्या नेटवर्किंग की है। सर्वर चले जाने से ग्राहकों को काउंटरों पर खाता खुलवाने, एफडी व आरडी जमा करने, रजिस्ट्री करवाने आदि के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। विभाग ने मंडल के चारों जिला मुख्यालयों में ग्राहकों की सुविधाओं के लिए पिछले साल एटीएम सुविधा शुरू की। लेकिन यह भी ग्राहकों की आकांक्षाओं पर खरे नहीं उतर रहे हैं। दिन में यदा-कदा एटीएम से धन की निकासी हो पाती है। जबकि दावे 24 घंटे धन निकासी के हैं। अव्यवस्थाओं के चलते यहां डाकघर की योजनाएं भी लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रही हैं। -डाकघरों में सीबीएस में दिक्कतें आ रही हैं। इसके लिए पोस्ट मास्टर जनरल को लिखा गया है। जल्द ही इसमें सुधार होगा।-एके वर्मा, सहायक डाक अधीक्षक, चित्रकूटधाम मंडल