सबको नसीहत, पर खुद के पास संसाधन नहीं
जागरण संवाददाता, बांदा : एक ओर जहां आपराधिक घटनाएं होने के बाद बड़े-बड़े अधिकारी नसी
जागरण संवाददाता, बांदा : एक ओर जहां आपराधिक घटनाएं होने के बाद बड़े-बड़े अधिकारी नसीहत देते नजर आते है। वहीं जब बात खुद के संसाधन जुटाने की होती है तो वह कहीं नजर ही नहीं आते। शुक्रवार को व्यापारी के अपहरण के बाद जब व्यापारियों ने आक्रोश व्यक्त किया तो अपर पुलिस अधीक्षक व्यापारियों को नसीहत देते नजर आए। कि सभी व्यापारी अपने-अपने प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगवाएं ताकि यदि कोई घटना हो तो अपराधियों को असानी से ट्रेस किया जा सके।
रविवार को इसी को लेकर जागरण ने जिले के थानों की पड़ता की तो पता चला कि जिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सीसीटीवी कैमरे लगाने की बात कर रहे थे वास्तव में अभी उनके ही विभाग के सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे। जबकि पिछले दिनों थानों में एक महिला सिपाही की आत्महत्या जैसी घटना हो चुकी है।
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अभी भी जिले की पुलिस के पास तकनीकी का अभाव
जिस प्रकार तकनीकी का विस्तार हो रहा है ठीक उसी प्रकार अपराधी भी इन आधुनिक तकनीकी का प्रयोग कर वारदात को अंजाम दे रहे है। मगर जिले की पुलिस के पास आज भी तकनीकी संसाधनों की कमी है। जिससे लगातार हो रही वारदातों के बाद भी पुलिस अपराधियों पर अंकुश लगाने में सक्षम नहीं हो पा रही है। पिछले दिनों पुलिस को हाईटेक करने का एक प्रयास जरूर किया गया। यूपी-100 की गाड़ियां जिले को मिलीं। लेकिन अपराधियों पर लगाम कुछ भी न लग सकी। शुक्रवार को व्यापारी का जिस गाड़ी से अपहरण किया गया। उसका जीपीआरएस से पता लगाने का प्रयास किया गया। मगर पुराने संसाधनों के कारण गाड़ी महोबा में ट्रेस होने के बाद गायब हो गई।
------------------------़18 में से 11 थानों में ही सीसीटीवी कैमरे
जनपद के 18 थानों में से 11 में कैमरे लगे हैं। जब कि सात थानों में अभी भी कैमरे नहीं लगाए गए हैं। इनमें कोतवाली देहात, जसपुरा, नरैनी, गिरवां, का¨लजर, फतेहगंज व शहर के बेहद महत्वपूर्ण महिला थाना प्रमुख हैं।
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सभी थानों को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जा रहा है। जो थाने बचे हैं उन पर भी काम चालू है। जल्द ही सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे होगे।
एस आनंद, पुलिस कप्तान।