बुंदेलखंड में है प्रकृति के नजारे, पिकनिक स्पाट करते रोमांचित
पिकनिक स्पाटपिकनिक पिकनिक स्पाटपिकनिक स्पाटपिकनिक स्पाटपिकनिक स्पाटपिकनिक स्पाटपिकनिक स्पाटपिकनिक स्पाटपिकनिक स्पाटपिकनिक स्पाट स्पाटपिकनिक स्पाटपिकनिक स्पाटपिकनिक स्पाटपिकनिक स्पाटपिकनिक स्पाटपिकनिक स्पाट
जान्हवी द्विवेदी, बांदा : बुंदेलखंड का भौगोलिक स्वरूप मिला-जुला है। यहां का पठारी भूभाग पर्वत श्रंखलाओं के साथ वनों से आच्छादित है। यमुना, केन, बागै सहित कई नदियां यहां बहती हैं। मध्यप्रदेश के सरहिदी इलाके से दक्षिणी छोर पर विध्याचल की पर्वत श्रंखलाएं प्राकृतिक सौंदर्यता को चार चांद लगाती है। इन्हीं पर्वत श्रंखलाओं में कालिजर दुर्ग स्थित है। घाटी का यह इलाका बारिश में हरियाली से और भी विहंगम हो जाता है जिसकी छटा देखते ही बनती है। यह पठारी भाग बुंदेलखंड का प्राकृतिक पिकनिक स्थल भी है।
------------------
कालिजर दुर्ग
मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित कालिजर दुर्ग की प्राकृतिक सुंदरता आज भी देखते बन रही है। जिला मुख्यालय से करीब 60 किमी. दूर कालिजर में पर्वत पर यह प्राचीन दुर्ग स्थित है। जो सामरिक ²ष्टि से बेहद समृद्ध है। यहां आज भी अनेकों कलाकृतियां देखने को मिल रही हैं। प्रमुख स्थलों में भगवान नीलकंठ मंदिर, राजा व रानी महल, सरग्वाह (जलकुंड) मृगधारा एवं दुर्ग पर बने प्राचीन तालाब दर्शनीय व प्राकृतिक महत्व के स्थल हैं। यहां लोग परिवार व मित्रों के साथ दर्शन व अवलोकन करने पहुंचते हैं। साथ ही प्राकृतिक स्थलों व पेड़ों की छांव में पिकनिक मनाते हैं।
--------------- रनगढ़ दुर्ग
यूपी-एमपी की सीमा के मध्य केन नदी की जलधारा के बीचोबीच प्राचीन रनगढ़ दुर्ग स्थित है। जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी. दूर नदी के बीच में बना है। यहां बांदा-नरैनी मार्ग से मऊ होते हुए पहुंचने का रास्ता है। बारिश में जब केन नदी उफान पर होती है उस समय किले तक पहुंचने के रास्ते बंद हो जाते हैं। केन नदी में कई बार भीषण बाढ़ के बावजूद इस किले तक पानी नहीं पहुंचा। बाकी के दिनों में पिकनिक मनाने व अवलोकन के लिए लोग किले में पहुंचते हैं। नदी की जलधारा के बीच बसा यह किला आज भी लोगों को रोमांचित कर रहा है।
------------ भूरागढ़ दुर्ग
भूरागढ़ दुर्ग झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे केन नदी तट पर स्थित है। यह क्षेत्र जिला व मंडल मुख्यालय से लगा हुआ है। दुर्ग पर शहीद स्थल व कई प्राचीन इमारतें, बावड़ी बनी हुई हैं। नदी तट पर स्थित होने के कारण यहां की प्राकृतिक छटा हमेशा लोगों को आकर्षित करती है। शहर से लगे होने के कारण रोजाना लोग दुर्ग पर पहुंचकर प्राकृतिक छटा का आनंद लेते हैं। अवकाश के दिनों में लोग पिकनिक मनाने के लिए इस स्थल पर पहुंचते हैं। लोगों का कहना है कि दुर्ग की प्राचीन इमारतों से नदी का नजारा देखते ही बनता है। यहां प्रकृति के बीच एक अलग तरह का सुकून मिलता है।