बीहड़ या पूर्वांचल के डकैतों का तो हाथ नहीं !
जागरण संवाददाता, बांदा : असलहे लूट के मामले में बांदा-चित्रकूट समेत मध्यप्रदेश के जिलों में अस
जागरण संवाददाता, बांदा : असलहे लूट के मामले में बांदा-चित्रकूट समेत मध्यप्रदेश के जिलों में असलहों के दम पर बादशाहत कायम रखने वाले गैंग के हाथ होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। चित्रकूट के मानिकपुर में पिछले दिनों दस्यु बबुली कोल से हुई मुठभेड़ के बाद डकैत शांत हो गए थे। इस घटना में एक दारोगा भी शहीद हुआ था। मुठभेड़ के दौरान बड़ी संख्या में डकैतों की कारतूसें खत्म हो गईं थीं। वहीं कई असलहे भी जब्त किए गए थे। ऐसे में इस डकैती से बड़ी घटना को अंजाम देने और बादशाहत कायम रखने की कोशिश तो नहीं हुई है। यही नहीं पूर्वांचल के बदमाशों के हाथ से इंकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि यह तय है कि इस पूर्व प्ला¨नग डकैती में स्थानीय स्तर पर भी सटीक अपराधी थे।
सत्तर के दशक के बाद से लगातार बीहड़ में डकैतों की आमद रही है। समय समय पर घटनाओं को अंजाम देने के साथ डकैत जंगलों में अपनी आमद दर्ज कराते रहे हैं। ददुआ, ठोकिया, बलखड़िया, राम¨सह, राजू कोल जैसे डकैत पुलिस या फिर किसी घर से चोरी किये गए असलहों को अपने पास रखते थे। यही नहीं उनके पास बिना लाइसेंस वाले अवैध असलहों की अच्छी खासी खेप मौजूद रहती थी। जबकि आर्म्स दुकानों से से¨टग की बदौलत कारतूसे मुहैया होती रहती थीं। बलखड़िया की मौत के बाद बीहड़ में बड़े डकैत एक बार शांत हो गए थे। बबली कोल ने जरूर बड़ी घटनाओं को अंजाम देकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, लेकिन पिछले दिनों हुई मुठभेड़ के बाद उसका नाम भी गुमनाम हो गया। ऐसे में शहर के भीड़भाड़ वाली असलहे की दुकान में डकैती पड़ना बड़ा सवाल है। आखिर अन्य दुकानों में डकैतों ने घटना को अंजाम क्यों नहीं दिया। इतनी बड़ा दुस्साहस कर मुख्य मार्ग में असलहों की डकैती डाली। यदि सोने चांदी की दुकान में घटना को अंजाम दिया होता तो निश्चित ही लाखों रुपए का माल मिलता। लेकिन डकैतों का मुख्य मकसद सिर्फ असलहे ही थे।
इनसेट.
डकैतों के निशाने पर रहते थे असलहे
पूर्व की घटनाओं पर गौर करें तो डकैतों के निशाने पर अक्सर असलहे रहते थे। फतेहगंज थाना क्षेत्र के बघेलाबारी में ठोकिया ने छह एसटीएफ जवानों और एक मुखबिर की हत्या कर दी थी। डकैत और उसके साथी घटना को अंजाम देने के बाद सभी के असलहे और कारतूस भी ले गए थे। इसके पहले भी ददुआ, बलखड़िया ने पुलिस कर्मी या लोगों की पिटाई के बाद असलहे लूट लिए थे।