दो भाइयों को चार साल की सजा
जागरण संवाददाता, बांदा : कोतवाली नगर थाना क्षेत्र के मोहल्ला कंचन पुरवा निवासी संतोष पुत्र छैल
जागरण संवाददाता, बांदा : कोतवाली नगर थाना क्षेत्र के मोहल्ला कंचन पुरवा निवासी संतोष पुत्र छैल बिहारी श्रीवास ने अदालत में 156 (3) का आवेदन किया कि छह जून 2011 को रात नौ बजे अभियुक्त चंद्र प्रकाश उर्फ चंदू व कल्लू पुत्रगण मैकू निवासी कंचन पुरवा उसके घर के अंदर लाठी व तमंचा लेकर घुस आए और मारपीट की। संतोष ने अभियुक्तगण से 500 रुपये उधार लिया था। जिसको उसने वापस कर दिया था। लेकिन इसके बावजूद पांच हजार रुपये वापस नहीं दिए जाने पर जान से मारने की धमकी देते हुए मारपीट की। जिसकी रिपोर्ट दर्ज न होने पर उसने अदालत का सहारा लिया। अदालत ने 18 जुलाई 2011 को चंद्रप्रकाश व कल्लू सहित एक अन्य के खिलाफ रिपोर्ट करने का आदेश पारित किया था। कोर्ट के आदेश से 30 जुलाई 2011 को मामला दर्ज किया गया। मामले का आरोपपत्र विवेचक ने अदालत में प्रस्तुत किया। दौरान मुकदमा अभियोजन पक्ष के सहायक शासकीय अधिवक्ता कैलाश चौबे ने कई गवाह पेश किए। विशेष न्यायाधीश डकैती नीरज कुमार ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद अभियुक्त गण चंदू व कल्लू को घर में घुसकर मारपीट करने में चार साल का कारावास व चार-चार हजार रुपये जुर्माना व वहीं जान से मारने की धमकी देते हुए वसूली करने में चार साल का कारावास व चार-चार हजार रुपये जुर्माना किया। अदा न करने पर छह-छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अभियुक्त करीब छह माह से जेल में हैं। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित की जाएगी।
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गैंगस्टर एक्ट के छह आरोपी दोषमुक्त
विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट की अदालत ने एक मामले में छह आरोपितों को संदेह का लाभ देते हुए दोष मुक्त कर दिया। गिरवां थाने के एसएचओ चंद्रभान ¨सह द्वारा 18 मार्च 2008 को रवि रैदास पुत्र भूरा रैदास निवासी छिबांव, दादू भुंजवा पुत्र सुखवा निवासी पुनाहुर, राममूरत गुप्ता पुत्र कंधी गुप्ता निवासी कस्बा बिसंडा, चुन्नूलाल मिश्रा पुत्र रामाआधार मिश्रा निवासी आऊ, चौधरी अवधेश पुत्र जागेश्वर निवासी अंबेडकर नगर कमासिन, चंद्रनरेश यादव पुत्र शंभू निवासी मुसीवां, रावेंद्र उर्फ करिया उर्फ राजेंद्र गुप्ता पुत्र कल्लू निवासी परशुराम तालाब (बांदा) के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। ये लोग गैंगलीडर रवि रैदास के साथ जनता को भयभीत करके वसूली करते थे। जनता इनके खिलाफ कोई भी गवाह देने की हिम्मत नहीं जुटा पाती थी। पुलिस ने धारा 2/3 गैंगस्टर एक्ट का मामला दर्ज कर आरोपपत्र न्यायालय में पेश किया। मामले की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश खलीकुज्जमा ने सभी आरोपितों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। उक्त आरोपितों में दादू भुंजवा की दौरान मुकदमा मत्यु हो गई थी। अभियुक्तों की ओर से चंद्रभान ¨सह गौर एडवोकेट ने पैरवी की।