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बुंदेलखंड में आग, जंगल और खेत हो रहे राख

कामन इंट्रो ------------- गर्मी के साथ ही बांदा व चित्रकूट में आग कहर बनकर टूट रही है। ए

By JagranEdited By: Published: Wed, 31 Mar 2021 05:04 PM (IST)Updated: Wed, 31 Mar 2021 05:04 PM (IST)
बुंदेलखंड में आग, जंगल और खेत हो रहे राख
बुंदेलखंड में आग, जंगल और खेत हो रहे राख

कामन इंट्रो

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गर्मी के साथ ही बांदा व चित्रकूट में आग कहर बनकर टूट रही है। एक ओर जहां चित्रकूट के देवांगना घाटी में लगी आग वन संपदा को नष्ट कर रही है तो वहीं बांदा कालिंजर दुर्ग के जंगल पिछले कई दिनों से धूं-धूं कर जल रहे है। आग दिन प्रतिदिन अपना क्षेत्रफल बढ़ाती जा रही है। इसकी चपेट में आग जंगली जीवों को भी क्षति पहुंच रही है। इस सब के बाद भी विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है। कहीं पर दमकल की गाड़ियों के न पहुंचने का मलाल है तो कहीं संसाधन की कमी। कुछ ये जंगल की आग अब शहर की ओर भी बढ़ने लगी है। इससे बस्ती के लोगों की भी चिंताएं बढ़ने लगी हैं। इसके अलावा कई क्षेत्रों में खेतों में आगजनी की घटनाएं सामने आई। जहां जहां पंगु संसाधनों के चलते किसानों की सार भी की मेहनत जलकर राख हो गई। अधिकारी सिर्फ एक ही राग अलापते रहे कि नुकसान का आंकलन किया जाएगा। जो संभव होगा क्षतिपूर्ति दी जाएगी।

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कालिंजर के जंगल के निचला हिस्सा भी अब चपेट में

संवाद सूत्र, कालिजर : कालिजर दुर्ग के ऊपरी हिस्से के जंगल को आग ने पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। अब आग ने दुर्ग के निचले हिस्से के जंगल को अपनी चपेट में ले लिया है। आग से बेशकीमती पेड़ नष्ट हो चुके हैं और बड़ी संख्या में आगोश में आते जा रहे हैं। सैकड़ों जीव-जंतु के जलकर मरने की बात कही जा रही है।

दुर्ग में जाने वाली सड़क के दोनों ओर बांस का घना जंगल है। इस जंगल को आग ने बुधवार सुबह से अपनी चपेट में ले रखा है। इसके नीचे सगरा बांध से लगा हुआ वन विभाग का जंगल है, जहां हजारों पेड़ हैं। यदि मुकम्मल उपाय नहीं किए गए तो आग कभी भी यहां तक फैल सकती है।

भगवान नीलकंठ मंदिर के नीचे पहुंची आग: भगवान नीलकंठ मंदिर के नीचे की तरफ कटरा कालिजर के जंगल को भी आग ने अपने आगोश में ले लिया है। कालिजर दुर्ग के जंगल पर्यटकों का मन मोह लिया करते थे। आज शासन-प्रशासन की उपेक्षा के चलते हजारों हरे पेड़, जंगली जीव-जंतु, दुर्लभ औषधियों को आग ने जला कर राख कर दिया है। दुर्ग के उत्तर दिशा में पाताल गंगा, सीता सेज, सीताकुंड है। यह सब आग की चपेट में हैं। दुर्ग की तलहटी में सुरसरि गंगा के ऊपरी हिस्से में लगे बांस के जंगल में लगी आग से भीषण लपटें उठ रही हैं। कालिजर थाना प्रभारी निरीक्षक राजीव कुमार यादव ने बताया कि फायर ब्रिगेड की बड़ी गाड़ी दूसरे दिन सुबह पहुंची है। दुर्ग के ऊपर गाड़ी नहीं चढ़ पा रही है। जिसको नीचे खड़ा करा दिया गया है। आग नीचे की ओर बढ़ती है तो फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर है।

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डिप्टी रेंजर ने काटा मोबाइल, बजती रही घंटी

वन विभाग के डिप्टी रेंजर हरिकांत ने आग का नाम सुनते ही फोन काट दिया। कई बार लगाने के बाद भी फोन नहीं उठा। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते टैंकरों को दुर्ग की सड़क पर खड़ा कर पानी की बौछार की जाती तो आग बुझ सकती थी लेकिन किसी ने इस ओर सुध नहीं ली।

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तेज हवा में टकराए तार, चिगारी ने लील ली कई किसानों की फसल

संस, पैलानी : चिल्ला थाना क्षेत्र के तारा गांव में खेतों के ऊपर से एचटी लाइन गुजरी है। दोपहर बाद तेज हवा के चलते एचटी लाइन के तार आपस में टकरा गए और चिगारी नीचे पकी खड़ी गेहूं की फसल पर गिर गई। देखते ही देखते ही आग फैलने लगी और कई किसानों की फसल चपेट में आ गई। गांव निवासी जयकरण की ढाई बीघा, रामबली की दो बीघा, संतराम की एक बीघा, बहादुर की एक बीघा, साधु की एक बीघा की गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। पास खेत काट रहे लोगों की जब निगाह पड़ी तो दौड़कर नजदीक के ट्यूबवेल के सहारे आग पर काबू पाया गया। आग बुझने के एक घंटे बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची।

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वैद्यन पुरवा में बारह बीघा की जली गेहूं की फसल

संसू ओरन : बिसंडा थाना क्षेत्र की ओरन चौकी अंतर्गत ग्राम पंचायत मंझीवा सानी के वैद्यन पुरवा में बुधवार दोपहर बाद बिजली के तारों से निकली चिगारी से खड़ी फसल में आग लग गई। लपटें देख ग्रामीण दौड़े और आग बुझाने का जतन शुरू किया। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया और करीब बारह बीघा की फसल पूरी तरह से जलकर राख हो गई। स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में नलकूप व ट्यूबवेल की मदद से आग पर काबू पाया। आग में किसान रामसिया की सात बीघा फसल, श्रीचंद कुशवाहा की पांच बीघा की फसल जल गई। किसानों का कहना है कि सूचना के बाद भी लेखपाल मौके पर नहीं पहुंचे। वहीं बदौसा क्षेत्र के ग्राम तुर्रा के मजरा कुम्हारन पुरवा में 11 हजार विद्युत लाइन की चिगारी से गेहूं के खेत में आग लग गई। जिससे जालिम प्रजापति की लगभग एक बीघे की गेहूं की फसल जल कर राख हो गई।


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