वापस हों कृषि विधेयक, किसानों को होगा नुकसान
संवाद सहयोगी पैलानी कृषि संबंधी विधेयकों को लेकर किसान संगठनों का विरोध कम नहीं हो
संवाद सहयोगी, पैलानी : कृषि संबंधी विधेयकों को लेकर किसान संगठनों का विरोध कम नहीं हो रहा है। शनिवार को भी भाकियू भानु गुट ने तहसील परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर बिल वापस लेने की मांग की। कहा कि इससे किसानों का नुकसान होगा। सरकार इन विधेयकों को वापस ले।
भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) जिलाध्यक्ष कुंवर धनंजय सिंह व जिला उपाध्यक्ष अनुज सिंह गौतम की अगुवाई में किसानों ने सरकारे के खिलाफ नारे लगाए। कहा कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को लागू करने व फसल के दाम उत्पादन लागत में 50 फीसद लाभांश जोड़ने का वादा कर सत्ता में आई भाजपा सरकार कृषक विरोधी अध्यादेश लाई है। इन कृषि आध्यादेशों को किसान संगठन कंपनी राज के रूप में देखते हैं। जिलाध्यक्ष ने कहा कि बिहार में मंडी व्यवस्था खत्म है। वहां पर फिर भी किसान खुशहाल नहीं हैं। जिला उपाध्यक्ष अनुज सिंह गौतम ने कहा कि भारत का क्षेत्रफल पूरी दुनिया के क्षेत्रफल का मात्र 2 फीसद है। जबकि भारत में पूरी दुनिया के 20 फीसद लोग रहते हैं। संसाधन सीमित हैं और जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में बेरोजगारी व कुपोषण जैसी भयंकर समस्याएं बढ़ रही हैं। जनसंख्या पर लगाम लगाना अनिवार्य है। वहीं 'हम दो हमारे दो' के नारे के साथ दो बच्चों का कानून लागू कराने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान उमेश सिंह, चुन्नू बादी, बिजुआ, कल्लू, राम अवतार, इंद्रजीत सिंह, अमर सिंह, कमल सिंह, शहीदी, रमेश सिंह, मोहित तिवारी, सरवन सिंह, विजय सिंह, विमला सिंह, शीला सिंह आदि किसान नेता मौजूद रहे। एसडीएम सुरजीत कुमार सिंह ने ज्ञापन लिया।
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राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
बांदा : हिदुस्तान किसान यूनियन के अध्यक्ष सुरेंद्र तिवारी ने समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। उन्होंने किसान विरोधी बिल तत्काल वापस करने की मांग की। कहा कि संसद में बहस के बाद इस बिल को पारित किया जाए। स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने, किसान आयोग के गठन, नए कृषि यंत्र किसानों को सुगमता से दिलाने की मांग उठाई। इस दौरान मंडल अध्यक्ष शैलेंद्रनाथ, जिला प्रभारी अरविद चतुर्वेदी, अरुण सिंह, जगदीश सिंह आदि मौजूद रहे।