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पंचायत चुनाव में वोट डालने पहुंचे रहे प्रवासी

शैलेंद्र शर्मा बांदा सिर पर कड़कता सूरज और आग उगलती सन्नाटे में डूबी सड़क। बांदा-मह

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 05:21 PM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 05:21 PM (IST)
पंचायत चुनाव में वोट डालने पहुंचे रहे प्रवासी
पंचायत चुनाव में वोट डालने पहुंचे रहे प्रवासी

शैलेंद्र शर्मा, बांदा

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सिर पर कड़कता सूरज और आग उगलती सन्नाटे में डूबी सड़क। बांदा-महोबा मार्ग पर करीब पौने बारह बजे सिर पर गठरी, कांख में झोला और हाथ में पकड़ी अटैची खींच आते लोगों का जत्था देख मन में कौंधा कि कोरोना की दहशत में प्रवासी गांव-घर लौट रहे हैं। सिर से टपकता पसीना पैरों तक पहुंच रहा है और साथ में महिलाओं और बच्चों के धूप से लाल होते चेहरे हालात बयां करने को काफी थे। रोका, बातचीत की पता चला कि यह लोग कोरोना की दहशत में नहीं लौट रहे हैं, बल्कि गांव की सरकार बनाने के लिए चुनावी मैदान में उतरे दावेदारों की गुहार पर मालिक लौट रहे हैं। गांव की माटी की सुगंध के बजाए किराया और खर्चा मिलने की उम्मीद में कुछ दिन यहीं गुजारने की मंशा पाल आए हैं।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का दौर चल रहा है। गांव की सरकार ही आने वाले विधानसभा चुनाव का भी भविष्य तय कर सकती है। पंचायत चुनाव की बिसात पर राजनीति के माहिरों ने भी अपने खास को सजाया है। भले गांव की सरकार बनाने की कवायद चल रही है, पर लक्ष्य दूर का है। बेरोजगारी और घर के हालातों को देख परदेस गए लोग ऐसे दावेदारों व पर्दे के पीछे बैठे लोगों की मनुहार पर लौटने लगे हैं। इसके लिए किराया और परदेस में रोज की कमाई का दोगुना देने का प्रलोभन भी दिया गया है। हालांकि अभी केवल आश्वासन है, क्या मिलता है, यह इनको भी नहीं मालूम है।

लॉकडाउन के दौरान शहर में सवारी वाहनों का टोटा था। झांसी से आई पैसेंजर ट्रेन से ऐसे बहुत से लोग लौटे, जो प्रवासी तो थे पर कोरोना की दहशत में गांव नहीं आए। किसी न किसी प्रत्याशी ने फोन कर वोट डालने बुलाया है। किराया व खर्च भी देने का वादा किया है।

हरियाणा के झज्जर में चित्रकूट जिले के राजापुर के छीबों गांव निवासी उमाशंकर, कर्वी के बसिला निवासी ईंट-भट्टा में मजदूरी करते हैं। परिवार के साथ महोबा तक पहुंचे, वहां से निजी बस स्टैंड से उतर पैदल ही महिलाओं व बच्चों के साथ चित्रकूट के लिए साधन पकड़ने चल दिए। संकटमोचन मंदिर के पास पेड़ की छांव में सुस्ताने लगे। उमाशंकर ने बताया कि चुनाव में वोट डालने आए हैं। साथ में काम करने वाले लोग भी हैं। हम लोगों को एक प्रत्याशी ने वोट डालने के लिए बुलाया है। काफी कुदेरने पर बताते हैं कि आने-जाने का किराया और रोज की जाने वाली कमाई देने की बात कही है। बेड़ी पुलिया के पास भंभई निवासी श्रीपाल, धनराज, निशा और राजापुर के अमवां निवासी सोहन भी गांव की सरकार बनाने में सहयोग करेंगे। हालांकि सोहन कहते हैं कि चुनाव तो है, लेकिन एक शादी में भी आना था। अब देखते हैं कि किराया मिलेगा या नहीं।

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सोलापुर से आकर ललौली में बनाएंगे गांव की सरकार

महाराष्ट्र के सोलापुर में प्लास्टिक व अन्य कारोबार करने वाले लोगों का जत्था ट्रेन से झांसी, वहां से पैसेंजर ट्रेन पकड़ रेलवे स्टेशन पहुंचा। कोई साधन नहीं मिला तो पैदल ही बस स्टैंड के लिए चल दिए। ललौली निवासी योगेंद्र अपनी मां जगरानी व परिवार के अन्य लोगों के साथ आए हैं। साथ मौजूद अभिमन्यु, उर्मिला, सीता आदि ने बताया कि वोट तो देना है। इसी बहाने घर में भी कुछ दिन रुक लेंगे। वहां कैसे काम चलेगा के सवाल पर बताया कि अभी काम मंदा चल रहा है। अब किराया-भाड़ा देने को कहा है, बीस दिन बाद फिर लौट जाएंगे।

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