संक्रमण के दौर में दिया जा रहा परिवार नियोजन पर जोर
कोरोना संकट के बीच लोगों को परिवार नियोजन कार्यक्रम का बेहतर लाभ दिलाने के लिए शासन-प्रशासन प्रयास कर रहा है। अनलॉक में परिवार नियोजन सेवाओं को बहाल करने के बाद अब इन्हें घर-घर तक निश्शुल्क पहुंचाने का जिम्मा भी स्वास्थ्य विभाग ने उठाया है। आशा कार्यकर्ता होम डिलेवरी ऑफ कंट्रासेप्टिव थ्रू आशा योजना के तहत गर्भनिरोधक साधनों का मुफ्त में वितरण कर रही हैं। साथ ही क्वारंटाइन सेंटरों में रह रहे प्रवासियों कोरोना प्रारंभिक जांच के लिए प्राथमिक स्वा
जागरण संवाददाता, बांदा : कोरोना संकट के बीच लोगों को परिवार नियोजन कार्यक्रम का बेहतर लाभ दिलाने के लिए शासन-प्रशासन प्रयास कर रहा है। अनलॉक में परिवार नियोजन सेवाओं को बहाल करने के बाद अब इन्हें घर-घर तक निश्शुल्क पहुंचाने का जिम्मा भी स्वास्थ्य विभाग ने उठाया है। आशा कार्यकर्ता 'होम डिलेवरी ऑफ कंट्रासेप्टिव थ्रू' आशा योजना के तहत गर्भनिरोधक साधनों का मुफ्त में वितरण कर रही हैं। साथ ही क्वारंटाइन सेंटरों में रह रहे प्रवासियों, कोरोना प्रारंभिक जांच के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बने कोविड हेल्प डेस्क पर भी निश्शुल्क गर्भनिरोधक साधन वितरित किये जा रहे हैं।
अभी तक निश्शुल्क सुविधा केवल प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और एएनएम सब सेंटर स्तर पर ही उपलब्ध थी। कार्यकर्ताओं से गर्भनिरोधक गोली घर मंगवाने पर न्यूनतम भुगतान करना पड़ता था। माला एन के लिये एक रुपये जबकि ईसीपी के लिये दो रुपये देने पड़ते थे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संतोष कुमार ने बताया कोरोना महामारी के कारण स्थानीय लोगों और बाहर से आए प्रवासियों को परिवार नियोजन सेवाओं का लाभ लेने में रुकावट आ सकती है। इससे जनसंख्या विस्फोट का खतरा हो सकता है। इसलिए शासन के निर्देश को प्राथमिकता से लेते हुए चिकित्सा इकाईयों के अलावा आशा कार्यकर्ता गर्भ निरोधक साधन ओरल पिल्स और ई-पिल्स का वितरण कर रही हैं। क्वारंटाइन सेंटरों में रह रहे प्रवासियों को घर भेजते वक्त उनकी काउंसिलिंग कर उन्हें भी परिवार नियोजन के फायदे बताए जा रहे हैं। निश्शुल्क गर्भनिरोधक साधन दिए जा रहे हैं। इस समय दो क्वारंटाइन सेंटर संचालित हैं। ब्लॉक पीएचसी पर बने कोविड हेल्प डेस्क के माध्यम से भी इनका मुफ्त वितरण कराया जाएगा।