चंद्रावल नदी सूखी, कटरी में पेयजल संकट
संवाद सहयोगी, पैलानी : बारिश के दिनों में करीब दो दर्जन गांवों में तबाही मचाने वाली चंद्रावल नद
संवाद सहयोगी, पैलानी : बारिश के दिनों में करीब दो दर्जन गांवों में तबाही मचाने वाली चंद्रावल नदी सूख चुकी है। कटरी इलाके में पीने के पानी का संकट गहराया है। हैंडपंपों ने जवाब दे दिया है। कुओं का जलस्तर भी खिसक चुका है। चंद्रावल नदी में मवेशी घास चर रहे हैं। प्यास बुझाने के लिए एक बूंद पानी दूर दूर तक नहीं दिख रहा है।
महोबा जिला मुख्यालय से सटे चांदो गांव स्थित एक पहाड़ पर चंद्रावल नदी का उद्गम स्थल है। जो कि महोबा, हमीरपुर और बांदा जिले के भू-भाग से होकर पैलानी के पास केन नदी में समाहित हो जाती है। अपने 33 किलोमीटर के सफर में धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासतें यह नदी समेटती है। बारिश के दिनों में तबाही मचाने के हालातों से नदी की विशालता का अंदाजा लगाया जा सकता है। पिछले वर्ष ही बाढ़ की वजह से करीब दो दर्जन गांवों से संपर्क टूट गया था। प्रशासन और पुलिस की टीमों का कई दिनों तक संयुक्त राहत अभियान चला। जीवनदायिनी मानी जाने वाली नदी के महत्व और विभीषिका को समझते हुए शासन ने चरखारी (महोबा) के समीप एक बांध भी बनवाया था। इसके साथ ही महोबा के मदनताल समेत नौ ऐतिहासिक तालाबों की जननी भी यही नदी है। इन सब के बावजूद मौजूदा समय में चंद्रावल नदी सूख चुकी है। नदी को बारिश के पानी का इंतजार है। इन गांवों में है पानी की समस्या
नथुपुरा, करहराकला, बगरौन, इमिलिया, किसवाही, परेहटा, जखेड़ी, टोलामाफ, तिलसरस, परछह, खैरी, बम्हरौल, पड़ोहरा, अमारा आदि गांवों में पीने के पानी की समस्या है। कई हैंडपंप सूख चुके हैं। इसके साथ ही सिर्फ नदी के सहारे ¨सचाई करने वाले किसानों की भी स्थिति बदहाल है। अमारा के किसान विष्णु कुमार ने बताया कि इस नदी के पानी से उनके खेत की ¨सचाई होती है। लेकिन कुछ सालों से नदी का अस्तित्व खतरे में है। बारिश में खेत डूब जाते हैं। गर्मियों में पानी की एक बूंद भी नहीं रहती है।