दहेज हत्या में पति को सात वर्ष का कारावास
जागरण संवाददाता, बांदा : दहेज हत्या के पति को अदालत ने सात साल कारावास व 5 हजार जुर्माना सुन
जागरण संवाददाता, बांदा : दहेज हत्या के पति को अदालत ने सात साल कारावास व 5 हजार जुर्माना सुनाया है। मामले के आरोपित सास-ससुर पर दोष सिद्ध न होने पर उन्हें बरी कर दिया गया।
मर्का थाना क्षेत्र के बैरफ के मजरा खैरी डेरा निवासी रामगोपाल निषाद ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी पुत्री राजरानी की शादी 21 जून 2010 को ग्राम भटौली डेरा, मजरा मझीवां थाना बबेरू निवासी सुखबीर पुत्र रामौतार के साथ की थी। शादी के बाद ससुरालीजन बाइक की मांग को लेकर उसके साथ मारपीट करने लगे। 8 जून 2011 को उसके साथ मारपीट की। उसके पेट में आठ माह का गर्भ था। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई। उसे असहनीय दर्द हो रहा था। आरोप लगाया कि 9 जून को पुत्री को कुएं में फेंक दिया। इसके बाद दिखावे के लिए उसे कुएं से बाहर निकाला। इलाज के लिए बबेरू लेकर जा रहे थे रास्ते में उसकी मौत हो गई। पिता की तहरीर पर पुलिस ने ससुर रामौतार, सास गोल्ही, ननद बुधरानी व देवर नोखे के विरुद्ध दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कर विवेचना की। विवेचना में सास, ससुर व पति के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया। मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश, त्वरित न्यायालय में हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से छ: गवाह पेश किए गए। न्यायाधीश अनिल कुमार पंचम ने पति सुखबीर को धारा 304बी में सात वर्ष का साधारण कारावास व पांच हजार का जुर्माना सुनाया। धारा 498ए में वर्ष की कैद व दो हजार रुपये जुर्माना, धारा 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में एक वर्ष कैद व एक हजार जुर्माना सुनाया। अभियुक्त घटना के बाद से जेल में है। जेल में बिताई गई उसकी सजा में समाहित की जाएगी। सास गोल्ही व ससुर रामौतार पर दोष सिद्ध न होने पर अदालत ने दोनों को बरी कर दिया।