विदा हुई पॉलीथिन, थैलों के बहुरेंगे दिन
जागरण संवाददाता, बांदा : प्रतिबंध के बाद बाजार में पॉलीथिन का असर मिला जुला दिखाई दिया। बड़े
जागरण संवाददाता, बांदा : प्रतिबंध के बाद बाजार में पॉलीथिन का असर मिला जुला दिखाई दिया। बड़े व्यापारियों की दुकानों में जहां पॉलीथिन के स्थानों पर कपड़े के थैले व कागज के लिफाफे दिखाई दिए वहीं छोटी व सब्जी की दुकानों में रोज की तरह समान पॉलीथिन में दिया गया। हालाकि पहले दिन आदत में सुमान न होने के कारण कई स्थानों पर लोगों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ा। कई स्थानों पर दुकानदारों के पॉलीथिन न देने पर उन्हें बिना सामान लिए ही लौटना पड़ा। कुछ स्थानों पर पॉलीथिन मिली जरुर लेकिन दुकानदार भी ग्राहक को सतर्क करते दिखे। उनका कहना था कि साहब अब पॉलीथिन बंद हो गई है। घर से झोला लेकर आया करें।
समय के साथ ही लोगों ने अपने जीवन में पॉलीथिन का प्रयोग इस कदर करने लगे कि आज घर से निकलने वाले कूड़े में सर्वाधिक संख्या पॉलीथिन की है। ये पॉलीथिन स्वास्थ्य के साथ ही प्रकृति के लिए भी हानिकारक थी। पॉलीथिन के कारण चोक हो रहे नालों से जलभराव के समस्या होने लगी। लोगों की सुविधा के लिए बनाई गई पॉलीथिन परेशानी का सबब बनने लगी। कोर्ट ने मामले को संज्ञान में लिया तो सरकार ने भी सख्त रुख अपना और पंद्रह जुलाई से इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।
रविवार को प्रतिबंध के पहले दिन सब्जी व किराना सामग्री व अन्य सामान बेचने वाले दुकानदार पालीथिन के छोटे-बड़े थैलों का इस्तेमाल करते रहे हैं। शहर के सरांय में पालीथिन की कई दुकानें थी लेकिन प्रतिबंध लगने के पहले ही दिन इन दुकानों में अखबारी कागज के छोटे-बड़े लिफाफे व कपड़े के थैले बिक्री के लिए सजे हुए थे। दुकानदारों ने सरकार के इस कदम को सराहनीय बताया। कहा कि प्रतिबंध से अखबारी लिफाफे व कपड़े के थैलों के दिन बहुरेंगे। डेढ़ से दो दशक पहले इन्हीं थैलों का चलन था। लेकिन पालीथिन बाजार में शुरू हुई तो इसका चलन भी बढ़ गया था।
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पालीथिन पर प्रतिबंध सराहनीय
- व्यापारी कैलाश भागवानी ने कहा कि पालीथिन पर प्रतिबंध लगाकर सरकार ने सराहनीय कार्य किया है। इस पर रोक लगने से कपड़े व कागज से बनने वाले थैले तथा लिफाफों की मांग बढ़ेगी और लोगों को रोजगार के अवसर पर मिलेंगे। - मुन्नालाल गुप्ता कहते हैं कि सरकार ने अच्छा कार्य किया है। दुकान में काफी दिनों से कपड़े के थैले व कागज के लिफाफों की बिक्री कर रहे हैं। इससे जहां पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचेगा वहीं रोजगार के नए अवसर भी बढ़ेंगे।
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कई दुकानों में पालीथिन का हुआ प्रयोग
बांदा : पालीथिन में प्रतिबंध का असर तो दिखने लगा है लेकिन पहले दिन कई दुकानों में लोगों को पालीथिन में समान भरकर बिक्री की जाती रही। जिसमें सब्जी की दुकानें भी शामिल हैं। रविवार को अवकाश का दिन होने के चलते बाजार के ज्यादातर हिस्सों में अन्य दिनों की तुलना में सन्नाटा ही रहा। रविवार से ही पतली पालीथिन प्रतिबंधित की गई है लेकिन शहर की कई दुकानों में सब्जी विक्रेता व अन्य दुकानदार पालीथिन पर समान भरकर बेचते रहे।
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पालीथिन के प्रयोग पर नजर रखेंगी आठ टीमें
जागरण संवाददाता, बांदा : प्रतिबंधित पालीथिन का प्रयोग रोकने के लिए प्रशासन ने पूरी तरह मुस्तैद रहने का दावा किया है। शहर व कस्बों में इसकी निगरानी के लिए आठ टीमें लगाई गई हैं। अधिकारियों का कहना है कि पहले लोगों को जागरूक किया जाएगा ताकि इसके प्रयोग से बचें। इसके बावजूद यदि कोई इस्तेमाल करेगा तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा।
सरकार द्वारा पालीथिन का प्रयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है। प्रतिबंध लगने के साथ ही इसके नियंत्रण के लिए प्रशासन ने भी तैयारी कर ली है। अपर जिलाधिकारी गंगाराम गुप्ता ने बताया कि आठ टीमें बनाई गई हैं। बांदा शहर में नगर मजिस्ट्रेट व सीओ सिटी के नेतृत्व में टीम बनी है। वहीं अतर्रा नगर पालिका एवं अन्य नगर पंचायतों के लिए एसडीएम व सीओ के नेतृत्व में टीमें बनाई गई हैं। जिसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी व संबंधित निकायों के अधिशासी अधिकारी शामिल हैं। प्रतिबंधित पालीथिन का कहीं भी प्रयोग नहीं होने दिया जाएगा। टीमें इस पर बराबर नजर रखेंगी साथ ही जनपद स्तर से भी निगरानी की जाएगी। ताकि शहर व कस्बों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं भी इसका प्रयोग न होने पाए। लोगों को इसके लिए जागरूक किया जा रहा है। ताकि सभी इसके इस्तेमाल से बचें। इसके बाद भी जो प्रयोग करते पाएंगे। उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। फिर भी नहीं माने तो अग्रिम कार्रवाई होगी।