फंदे से लटका मिला बीएड के छात्र का शव
नरैनी संदिग्ध परिस्थितियों में बीएड छात्र का शव फंदे पर लटका मिला। चारपाई से बरामद सुसाइड नोट में अपनी आदतें बिगड़ी बताया। दोस्तों का भी कर्ज चुकाने की बात लिखी है। पुलिस सुसाइड नोट की कई अनसुलझी बातों के बारे में जांच कर रही है। नरैनी कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बरकोला कला के मजरा लोधीनपुरवा निवासी 22 वर्षीय अंकित राजपूत महोबा जनपद के कबरई कॉलेज में बीएड का छात्र था। वहां से तीन दिन पहले वह अपने घर आया था। चिकित्सक पिता रामपाल राजपूत पन्ना जिले के ग्राम माखनपुर में प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। इससे पिता व मां बिशुनिया माखनपुर में थे। छात्र शनिवार रात अपने कमरें में सोने चला गया था। रविवार सुबह काफी देरतक जब बाहर लगे चैनल का ताला नहीं खुला तो बड़े भाई देवेंद्र ने दूसरी चाबी से चैनल का ताला खोला। इस पर छात्र का शव पंखे के छल्ले में रस्सी के फंदे से लटका मिला।
संवाद सहयोगी नरैनी : संदिग्ध परिस्थितियों में बीएड के छात्र का शव फंदे पर लटका मिला। चारपाई पर मिले सुसाइड नोट में उसने अपनी आदते बिगड़ने व दोस्तों का कार्ज भी चुकाने की बाद लिखी। पुलिस सुसाइड नोट की कई अनसुलझी बातों के बारे में जांच कर रही है।
नरैनी कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बरकोला कला के मजरा लोधीनपुरवा निवासी 22 वर्षीय अंकित राजपूत महोबा जनपद के कबरई कॉलेज में बीएड का छात्र था। तीन दिन पहले ही वह घर आया था। शनिवार रात वह अपने कमरे में सोने चला गया। रविवार को जब वह देर तक नहीं उठा तो बड़े भाई देवेंद्र ने दूसरी चाबी से चैनल का ताला खोला। इस पर छात्र का शव पंखे के छल्ले में रस्सी के फंदे से लटका मिला। उसके नीचे एक बाल्टी रखी थी। चारपाई पर कॉपी के नीचे डायरी के दो पेज का सुसाइड नोट मिला। जिसमें उसने आत्महत्या के लिए सभी से माफी मांगी। लिखा कि मैं किसी पर बोझ नहीं बनना चाहता, क्योकि मेरी आदतें बिगड़ चुकी हैं। मैं अपनी मर्जी से अपने घर जाना चाहता था। इसलिए यह कदम उठाया है। मुझे अपने घर वालों की आज बहुत याद आ रही है। घर वालों ने मुझे बुलाया है। तो मैं जा रहा हूं। आज मैं बहुत खुश हूं। मेरे खाते में 15 हजार रुपये हैं, जो स्कूल के लिए थे। मुझे दो दोस्तों का कर्जा देना है। उनके नंबर व नाम सुसाइड नोट में लिखकर भाई से देने को कहा है। कोतवाली प्रभारी गिरेंद्र सिंह ने बताया कि कथित सुसाइड नोट में कुछ बातें स्पष्ट रूप से समझ नहीं आ रही हैं। मामले की जांच की जा रही है।
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भाई के बगल में शव दफनाने की जाहिर की इच्छा :
चाचा हरबंश ने बताया कि उसकी बुरी आदतों की कोई जानकारी नहीं है। तीन वर्ष पहले उसका बड़े भाई महेंद्र की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। उसके शव को खेत में दफनाया गया था। अंकित की ओर से सुसाइड लेटर में अपनी आखिरी इच्छा के बारे में लिखा है कि मेरा पोस्टमार्टम न करवाया जाए। उसके शव को भाई के बगल में दफनाया जाए।
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ये रहे सुसाइड नोट के अनसुलझे सवाल
कथित सुसाइड नोट में छात्र ने घर जाने की बात लिखी जबकि वह अपने घर पर ही था। अपनी बुरी आदतों का जिक्र किया लेकिन कौन सी बुरी आदत थी इसको स्वजन भी नहीं बता सके। घर वालों ने उसे बुलाया है जैसी कई पंक्तियां किसी के समझ नहीं आ रही हैं। स्वजन भी इस इबारत के बारे में ठीक से कुछ बता नहीं पा रहे हैं। इससे कई सवाल अनसुलझे हैं।