दिव्यांग के पट्टे की भूमि पर दबंगों ने किया कब्जा
जागरण संवाददाता बांदा केंद्र व प्रदेश सरकार एक ओर योजनाएं चलाकर गरीबी के मानक को कम
जागरण संवाददाता, बांदा : केंद्र व प्रदेश सरकार एक ओर योजनाएं चलाकर गरीबी के मानक को कम करने का प्रयास कर ही है। साथ ही योजनाओं के माध्यम से हर व्यक्ति को छत देने का प्रयास भी जारी है वहीं बांदा जनपद में गरीबों के हक पर दबंगों ने कब्जा कर रखा है और सुनने वाला कोई नहीं। ऐसा ही एक मामला तिंदवारी ब्लाक के महुई गांव में देखने को मिला जहां दिव्यांग को मिली पट्टे की जमीन पर दबंग ने कब्जा कर लिया। अब दिव्यांग उक्त जमीन को पाने के लिए जिला मुख्यालय के चक्कर लगा रहा है। मगर सुनने वाला कोई नहीं।
तिदवारी ब्लाक के महुई गांव निवासी दिव्यांग राजेंद्र नाई पेशे से मजदूर है। शासन ने बेघर राजेंद्र को अपना आशियाना बनाने के उद्देश्य से गांव में ही वर्ष 1994 में पट्टे पर 150 वर्ग मीटर जमीन दी थी। वह उसमें कच्चा घर बनाकर राजेंद्र रहता रहा। पिछले दिनों वह मजदूरी के लिए बाहर चला गया। इसी बीच एक हादसे में वह अपना पैर गवां बैठा। जब मजदूरी कर लौटा तो पट्टे की जमीन पर गांव ही दबंगों ने कब्जा कर लिया। आरोप है कि इसमें पूर्व प्रधान, चौकीदार व हलका लेखपाल ने दबंग का सहयोग किया। 20 फरवरी को दिव्यांग ने संपूर्ण समाधान दिवस में आए डीएम को अर्जी दी। उनके आदेश पर आरोपित लेखपाल से ही जांच कराई गई। राजस्व निरीक्षक ने मौके पर जाने के बजाए तहसील से ही रिपोर्ट पर अपनी मुहर लगा दी। दिव्यांग के खाते में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की पहली किश्त भेजी गई है। जमीन हाथ से चले जाने के कारण आवास का पैसा खाते में कई माह से पड़ा है। पीड़ित राजेंद्र ने डीएम को अर्जी देकर मांग की है कि स्वच्छ छवि वाले लेखपाल व राजस्व निरीक्षक का पैनल बनाकर जांच कराई जाए।
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-लेखपाल से जांच कराई गई है। यदि क्रास चेकिग में रिपोर्ट गलत हुई तो हलका लेखपाल व राजस्व निरीक्षक को बख्शा नहीं जाएगा। पट्टे की जमीन पर दिव्यांग को कब्जा दिलाया जाएगा।
-अवधेश कुमार निगम, तहसीलदार, बांदा