अंत्येष्टि स्थलों के लिए आए धन का 'अंतिम संस्कार'
प्रदीप द्विवेदी, बांदा : मंडल में अधिकारियों की लापरवाही ने अत्येष्टि स्थलों के लिए आए धन का ह
प्रदीप द्विवेदी, बांदा : मंडल में अधिकारियों की लापरवाही ने अत्येष्टि स्थलों के लिए आए धन का ही अंतिम संस्कार कर दिया। राशि का बंदरबांट करने के लिए निर्माण में जमकर मनमानी की गई। तमाम जगह निर्माण मानक के अनुरूप नहीं हुआ और एक-दो जगह हुआ भी तो कुछ दिन बाद ही उखड़ने लगा। अपनी इस नाकामी को छिपाने के लिए अधिकारियों ने आज तक इस कार्य की एमबी और फोटोग्राफ शासन को नहीं भेजी हैं।
मंडल के चारों जनपदों की ग्राम पंचायतों में अत्याधुनिक अंत्येष्टि स्थल बनवाने के लिए शासन ने वर्ष 2016 में 3 करोड़ 89 लाख 76 हजार रुपये का बजट जारी किया था। इन्हें चारों जनपदों में बराबर बांटा जाना था। पंचायतीराज विभाग को अंत्येष्टि स्थल बनवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। निर्माणदायी संस्था से सांठ-गांठ कर अंत्येष्टि स्थल के निर्माण में जमकर धांधली हुई। नतीजतन दो साल बाद ही धनराशि पूरी खर्च हो गई और अंत्येष्टि स्थल अधूरे ही रह गए। शासन तक पहुंची शिकायतों के बाद उप निदेशक लखनऊ आरएस चौधरी ने अंत्येष्टि स्थलों में कराए गए कार्य की एमबी और फोटोग्राफ सप्ताह भर के अंदर मांगे हैं। न दिए जाने पर डीपीआरओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मिनी सचिवालयों से भी रिपोर्ट तलब
चित्रकूटधाम मंडल में महोबा और चित्रकूट जनपदों के लिए वर्ष 2016 में एक-एक मिनी सचिवालयों के लिए शासन ने 34.92 लाख रुपये जारी किए थे। शासन ने उसी वित्तीय वर्ष के समापन तक इन भवनों का निर्माण कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन अधिकारियों ने इसे दरकिनार कर दिया। इसमें भी अभी तक कार्य की न एमबी भेजी गई और न ही फोटोग्राफ्स।
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अंत्येष्टि स्थलों व पंचायत भवनों के संबंध में शासन स्तर से पत्र आया है। सप्ताह भर के अंदर एमबी और फोटोग्राफ्स भेजे जाएंगे। जहां अधिकारी दोषी होंगे, उन पर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।
-दिनेश ¨सह, उप निदेश (पंचायत), चित्रकूटधाम मंडल