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अब तक 35 पीड़ितों को तलाश चुकी सीबीआइ

जागरण संवाददाता बांदा बाल यौन शोषण के मामले में सीबीआइ अब तक 35 पीड़ित बच्चों तक पहुंच चु

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 08:04 PM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 08:04 PM (IST)
अब तक 35 पीड़ितों को तलाश चुकी सीबीआइ
अब तक 35 पीड़ितों को तलाश चुकी सीबीआइ

जागरण संवाददाता, बांदा: बाल यौन शोषण के मामले में सीबीआइ अब तक 35 पीड़ित बच्चों तक पहुंच चुकी है। उनसे पूछताछ करने पर सीबीआइ को चार और पीड़ितों के नाम पता चल रहे हैं। इससे पीड़ितों की संख्या सूची में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। फिलहाल पड़ताल अभी तेजी से जारी है।

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बाल यौन शोषण के आरोपित जेई रामभवन व उसकी पत्नी को जहां सीबीआइ ने अभी तक गिरफ्तार कर जेल भेजा है। वहीं सीबीआइ पूरे घटनाक्रम में कौन-कौन और शामिल हैं, यौन शोषण के कितने बच्चे शिकार हुए हैं इसकी जांच कर रही है। सूत्रों की मानें तो सीबीआइ के डिप्टी एसपी अमित कुमार व उनकी पांच सदस्यीय टीम ने अभी तक करीब 35 पीड़ितों के बयान लिए हैं। उनसे पूछताछ में और पीड़ित बच्चों के नाम सामने आ रहे हैं। इससे पीड़ित बच्चों की संख्या 75 से 80 होने का अनुमान लगाया जा रहा है। आरोपित जेई के खिलाफ सीबीआइ को घर से साक्ष्य मिले हैं। जिसके आधार पर करीब 12 वर्षों का रिकॉर्ड मिला है। इससे सीबीआइ अब यह मान रही है कि अपराध की यह सिलसिला करीब 15 वर्षों से चल रहा था। पुलिस अभी और सुबूत जुटाने में लगी हुई है। अपनी जांच में सीबीआइ उन लोगों पर भी विशेष नजर बनाए है जो गवाहों व बच्चों को धमकाने के साथ लालच देने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे आरोपितों को भी सीबीआइ गिरफ्तार कर जेल की हवा खिलाएगी।

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10 वर्ष पुरानी वीडियो क्लिप से पहचान करने में हो रही दिक्कत

- सीबीआइ के हाथ जो यौन शोषण संबंधी क्लिप लगी हैं। इसमें कई वीडियो काफी पुराने हैं। दस वर्ष पुराने वीडियों में बच्चों की पहचान नहीं हो पा रही है। क्योंकि उस समय बच्चों की उम्र कम रही होगी। जबकि अब वही बच्चे किशोर व वयस्क हो चुके हैं। हालांकि सीबीआइ अपनी जांच में किसी तरह की कोर कसर नहीं छोड़ रही है। इसमें कुछ इस तरह के तथ्य भी सीबीआइ के हाथ लगे हैं कि आरोपित जेई ने शुरुआत में पारिवारिक व रिश्तेदारियों के बच्चों को इस अपराध के लिए मोहरा बनाया था। उनके साथ गलत हरकत करने के साथ उनके जरिए पैसा खर्च कर अन्य बच्चों को इस दलदल में पहुंचाता रहा है। हालांकि इन आरोपों की असलियत क्या है यह तो पूरे साक्ष्यों व साबूतों के आधार पर स्पष्ट हो सकेगा।

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अधिकारियों के नाक तले चलता रहा अपराध

- सूत्रों की मानें तो सीबीआइ की जांच में यह सच्चाई भी सामने आई है कि आरोपित जेई सिचाई विभाग में सर्विस करने में चित्रकूट की एसडीएम कालोनी में पत्नी के साथ बाद में रहने आया था। इसके पहले वह दूसरी जगह किराए में रह रहा था। जहां एक व्यक्ति की हत्या हो गई थी। हत्या को लेकर जेई पुराना मकान छोड़कर एसडीएम कॉलोनी आया था। वहां अधिकारियों के नाक तले भी घटना करने का आरोप है। जिसे न तो पुलिस समझ पाई है और न ही कोई अधिकारी भांप पाया है। सितंबर माह से जब सीबीआइ ने अपनी छानबीन तेज की तो आरोपित उनके हत्थे चढ़ा है।

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सिविल पुलिस भी रही साथ

- जेई की आरोपित पत्नी को न्यायालय ले जाने में सीबीआइ ने जहां दो वाहनों का इस्तेमाल किया। एक वाहन में डिप्टी एसपी अपनी टीम के साथ रहे जबकि दूसरी क्रीम कलर की बोलेरो में आरोपित पत्नी दुर्गावती के साथ महिला दारोगा, सिपाही समेत चार सिविल पुलिस कर्मी मौजूद रहे हैं।

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इस तरह चला सोमवार को पूरा क्रम

- 3:2 मिनट दोपहर सीबीआइ टीम काली स्कार्पियों से न्यायालय परिसर पहुंची।

- 3:15 मिनट से मुकदमें से संबंधित पत्रावली दाखिल करने के संबंध में चली तैयारी।

- 4:15 मिनट पर सिविल पुलिस व सीबीआइ ने जिला अस्पताल में आरोपित पत्नी की कराई जांचे।

- 4:20 मिनट पर सफेद बोलेरों में सिविल पुलिस जेई की आरोपित पत्नी को लेकर पहुंची।

- 5:40 मिनट पर आरोपित पत्नी दुर्गावती को न्यायालय से दोबारा वाहन में बैठाया।

- 5:42 मिनट पर सीबीआइ टीम ने डॉक्टरी परीक्षण व अन्य कागजों की मोबाइल में खींची फोटो।

- 5:44 मिनट पर आरोपित पत्नी को वाहन से ले जाया गया जेल।

- 5 :45 सहायक शासकीय अधिक्वता मनोज दीक्षित से सीबीआइ करती रही बात

- 5: 47 शाम सीबीआइ टीम न्यायालय परिसर से जेल के लिए हुई रवाना


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