बांदा की नहरों की सिल्ट सफाई में खपेगा डेढ़ करोड़ का बजट
जागरण संवाददाता बांदा जिले की नहरों की सफाई में इस वर्ष फिर डेढ़ करोड़ से ज्यादा का
जागरण संवाददाता, बांदा : जिले की नहरों की सफाई में इस वर्ष फिर डेढ़ करोड़ से ज्यादा का बजट खपेगा। 1.52 करोड़ रुपये से जिले की 145 नहरों की सफाई होगी। शासन की तरफ से नहरों की सफाई के लिए 30 नवंबर तक तिथि निर्धारित की है, लेकिन अभी अधिकांश नहरों में पानी भरा है। 11 नवंबर को नहरें बंद हुई हैं। ऐसे में अभी 15 दिन तो सफाई का काम शुरू ही नहीं होगा। 15 जनवरी से पानी छोड़ने का रोस्टर भी निर्धारित है।
किसानों को सिचाई के लिए आसानी से पानी उपलब्ध कराने के लिए जिले में करीब 1900 किलोमीटर लंबी नहरों का जाल बिछा है। लेकिन यह नहरें किसानों के लिए सिर्फ बेमानी साबित होती हैं। सिचाई व पलेवा के समय नहरों में पानी ही नहीं उपलब्ध होता। रही सही कसर नहरों में जमा सिल्ट और झाड़ झंखाड़ पूरा कर देती हैं। हेड से टेल तक आधी दूरी तक ही पानी पहुंच पाता है। जबकि नहरों में हर वर्ष करोड़ों रुपये सफाई आदि में खर्च होता है। इस वर्ष शासन ने नहरों में जमा सिल्ट व झाड़-झंखाड़ की सफाई के लिए एक करोड़ 52 लाख 80 हजार रुपये दिए हैं। इससे जिले की 145 माइनर, रजबहा व नहरों की सफाई होगी। केन नहर प्रखंड को 30 नवंबर तक नहरों की सफाई का कार्य पूरा कराने के निर्देश दिए हैं। जिले की नहरों में एक से 11 नवंबर तक खेतों के पलेवा के लिए पानी छोड़ा गया था। 11 से नहरें बंद हुई हैं,लेकिन अभी तलहटी में काफी पानी भरा हुआ है। इससे सफाई का कार्य शुरू कराने की स्थिति नहीं दिख रही है। जबकि 15 जनवरी से गेहूं की दूसरी फसल व दलहनी फसलों की सिचाई के लिए पानी छोड़े जाने का दूसरा रोस्टर तय है। नवंबर का महीना लगभग बीत गया है। नहर विभाग के पास सिर्फ दिसंबर का ही महीना है। इसी अवधि में सभी नहरों की सफाई की जानी है। लगभग 965 किलोमीटर लंबी नहरों की सफाई के लिए नहर विभाग की ओर से 595 श्रमिक लगाए गए हैं।
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-नहरों की सफाई के लिए शासन से बजट मिला है। 11 नवंबर को टेंडर भी हो गया है। शासन से 30 नवंबर तक की तिथि सफाई के लिए निर्धारित है, लेकिन उनकी कोशिश होगी कि दिसंबर माह में सभी नहरों की सफाई का कार्य पूरा हो जाए।
-अरविद कुमार पांडेय, अधिशासी अभियंता, केन नहर प्रखंड, बांदा