जागरण संवाददाता, बांदा: नरैनी के पुकारी व मुकेरा गांव में अलग समय पर खसरा से तीन बच्चों की मौत हो गई। खसरा से करीब 40 बच्चे बीमार हो गए। स्वास्थ्य टीमों ने बच्चों का उपचार किया। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी संजय शैवाल ने बताया कि दोनों गांवों में अलग-अलग समय पर संक्रमण ने अपना असर दिखाया है। इस समय वहां कुल दस बच्चे ही बीमार हैं। जिनका उपचार चल रहा है। 173 मरीजों का टीकाकरण किया गया है।

प्रकोप को देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग ने स्थानीय लोगों के प्रतिरोध के बावजूद बच्चों को खसरे से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया है।मामलों को देखने और बीमारी के प्रसार की जांच के लिए गाँवों में डॉक्टरों की एक टीमें तैनात की गई है।

बता दें, मीज़ल्स बचपन में होने वाला एक इन्फेक्शन है, जो वायरस के कारण होता है। इसे हिन्दी में खसरा भी कहा जाता है, जो एक समय में आम बीमारी थी, हालांकि, अब इससे वैक्सीन की मदद से बचा जा सकता है। मीज़ल्स और खसरा के अलावा इसे रुबेला के नाम से भी जाना जाता है, जो आसानी से फैलता है और बच्चों की जान पर ख़तरा बन जाता है।

Measles: कैसे होते हैं इसके लक्षण?

वायरस के संपर्क में आने के 10 से 14 दिनों में इसके लक्षण दिखने लगते हैं।

आइए जानें इसके लक्षणों के बारे में:

  • बुखार
  • सूखी खांसी
  • नाक का बहना
  • गले में खराश
  • आंखों में सूजन, जलन या फिर कंजंक्टिवाइटिस
  • मुंह के अंदर गालों में सफेद धब्बे होना
  • शरीर पर रैशेज़ हो जाना।
  • यह संक्रमण दो से तीन हफ्तों में चरणों में बढ़ता है।

Edited By: Nirmal Pareek