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Atiq Murder: 'करोड़ों की गड्डियों' के सपने देखता था 'महाराज' उर्फ लवलेश, मां बोलीं-गलत संगत ने बेटे को बिगाड़ा

Atiq Ahmed Murder Case धार्मिक कार्यों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेता था। बताते हैं कि मुहल्ले में वह एक जाति से खुन्नस पाले था और करीब 12 वर्ष से लड़ाई-झगड़े में आगे रहता था। उसे लोग महाराज कहते थे और युवक उसके साथ में रहना अपनी शान समझते थे।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaMon, 17 Apr 2023 10:46 AM (IST)
Atiq Murder: 'करोड़ों की गड्डियों' के सपने देखता था 'महाराज' उर्फ लवलेश, मां बोलीं-गलत संगत ने बेटे को बिगाड़ा
Atiq Murder: 'करोड़ों की गड्डियों' के सपने देखता था 'महराज' उर्फ लवलेश, मां बोलीं-गलत संगत ने बेटे को बिगाड़ा

बांदा, जागरण टीम, (शैलेंद्र शर्मा)। नशे का आदी लवलेश तिवारी निडर था, जरा सी बात पर किसी को भी चुनौती दे देता था। इलाके में 50 से ज्यादा युवकों को साथ लेकर चलने वाले लवलेश ने कई लोगों को दहशत में रखा था। दौलत, शोहरत और चारों तरफ अपने नाम का डंका बजाने की सनक में वह खुद को स्वयंभू डान कहलाना पसंद करता था। महाराज लवलेश तिवारी (चूचू) के नाम से बनी फेसबुक आइडी उसके विचारों को बयां करती है। जय दादा परशुराम, जय लंकेश, हम शास्त्र वाले ब्राह्मण नहीं, शस्त्र वाले ब्राह्मण हैं लिखने वाले लवलेश ने कई ऐसी पोस्ट की हैं, जिसमें उसने खुद को डान कहा है।

जन्मदिन पद की थी एक पोस्ट

खुद का भौकाल और आतंक न सहने की बात लिखने वाले लवलेश के जन्मदिन पर एक पोस्ट की गई, इसमें लिखा गया कि भाई लवलेश तिवारी बांदा शहर के डान माफिया को जन्मदिन की बहुत बधाई, दूसरी पोस्ट थोड़े टेढ़े रहोगे तो चलते रहोगे, पूरे सीधे हुए तो बात खत्म के साथ उसने अपने बड़े भाई रोहित की फोटो के साथ शेयर करते हुए उनको योगी रोहित नाथजी के नाम से संबोधित किया। उसके दोस्तों की मानें तो वह एक जनप्रतिनिधि से जुड़ा था, बाद में एक मामले में उनसे उसकी खुन्नस हो गई थी। उसने उन्हें चुनौती भी दे दी थी। वह ब्राह्मण होने की बात कहकर अपनी पैठ जमा रहा था। 

माफिया अतीक व अशरफ की हत्या में शामिल था शूटर लवलेश

माफिया अतीक व उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद यह पता चल गया कि तीन में एक शूटर लवलेश तिवारी बांदा का है। इसके बाद उसकी तलाश शुरू हो गई। सुबह लवलेश के घर का पता चला तो मीडिया के लोग पहुंच गए। छोटे भाई वेद तिवारी ने सभी से बात की। हर कोई भौंचक था कि उनके मुहल्ले के लड़के ने इतना बड़ा कांड कर दिया। इस दौरान क्षेत्रीय पुलिस नहीं दिखाई पड़ी। गिरवां में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या का पता चलते ही डीआइजी, एसपी अभिनंदन और एएसपी लक्ष्मी निवास मिश्र घटनास्थल पहुंच गए थे।

दैनिक जागरण ने एसपी अभिनंदन से की उसके बाद करीब साढ़े दस बजे जेल चौकी इंचार्ज समेत फोर्स पहुंचा। स्वजन से बात करने के बाद दरवाजा बंद करके रहने की हिदायत दी। करीब 11 बजे सीओ गवेंद्र पाल पहुंचे और कुछ देर बाद चले गए। इसके बाद स्वजन की किसी से मुलाकात पर पाबंदी सी लगा दी गई। गिरवां से लौटने के बाद एसपी अभिनंदन दोपहर पहुंचे और लवलेश के स्वजन से जानकारी ली।

एक बार राज आएगा और हर खदान देगी हिस्सा

नशे में वह अपने दोस्तों से कहता था कि बहुत जल्द उसका राज आएगा और वह करोड़ों में खेलेगा। उसे अपनी आंखों के सामने करोड़ों की गड्डियां दिखाई देती हैं। उसका नाम होगा और हर खदान वाला 10 प्रतिशत हिस्सा देगा। लवलेश ने युवा वर्ग में अपनी पैठ बना ली थी और उसके एक फोन पर 50 से ज्यादा लड़के जुट जाते थे। जाति से जुड़े किसी युवक को कोई परेशानी या विवाद होता था तो वह लवलेश महाराज को फोन करता था और मदद पाता था।

संगठन को बदनाम करने का कुच्रक

लवलेश की मां आशा तिवारी ने उसे बजरंग दल का पदाधिकारी बताया था, जबकि बजरंग दल के पूर्व प्रांत गौरक्षा प्रमुख प्रभाकर चंदेल ने कहा कि लवलेश तिवारी कभी भी बजरंग दल या विहिप से नहीं जुड़ा था। यह बात दीगर है कि रामनवमी जुलूस या अन्य कार्यक्रम में हजारों हिंदू शामिल होते हैं। लवलेश तिवारी ने जिस तरह से घटना को अंजाम दिया है, उससे लगता है कि वह प्रशिक्षित शूटर है। संगठन को बदनाम करने का कुचक्र किया जा रहा है। बजरंग दल व विहिप कार्यकर्ता पूर्ण संस्कारित होते हैं।

किसने दिए अत्याधुनिक हथियार, कौन है मास्टरमाइंड

माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने वाले लवलेश ने आखिर कब और किससे अत्याधुनिक असलहा चलाने की ट्रेनिंग पाई। वह कौन मास्टर माइंड है, जिसने हमीरपुर और कासगंज के अपराधियों के साथ लवलेश का चयन किया और गैंग बनाकर घटना को अंजाम दिलाया। लवलेश को जानने वाले बताते हैं कि इसके पहले कभी उसे गोली चलाते नहीं देखा। क्योटरा मुहल्ले से लेकर पैतृक गांव लौमर तक यह चर्चा आम रही कि कोई बहुत बड़ा मास्टरमाइंड इसके पीछे है।

युवकों का गैंग बनाकर लड़ाई-झगड़ा करने वाला लवलेश निडर जरूर था पर जिस अंदाज में गोलियां चला रहा था, उससे लगता है कि उसे पहले अत्याधुनिक हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई। उसकी माली हालत इतनी अच्छी नहीं थी कि वह विदेशी पिस्टल खरीद सके। वह जेल जरूर गया पर कभी इतने संगीन जुर्म का आरोप उस पर नहीं लगा। इलाकाई और उसके साथ रहने वाले युवक भी इस सवाल को उठा रहे हैं।

दो बार जा चुका जेल, कायम करना चाहता था वर्चस्व

नशे का आदी लवलेश इलाके में अपना वर्चस्व कायम करना चाहता था। इसीलिए मारपीट और दहशत फैलाता था। उस पर चार मुकदमे दर्ज हुए, इनमें दो में वह जेल गया था। पड़ोसियों का कहना है कि वह जिस दिशा में चल रहा था, उसी में आगे बढ़ना चाहता था। लड़ाई झगड़े में हमेशा आगे रहता था। शरीर जरूर दुबला-पतला था पर जरा सी बात पर हाथ छोड़ देना उसकी आदत में शुमार था। आपराधिक रिकार्ड तो केवल चार मुकदमों का है। इसमें एक लड़की को थप्पड़ मारने के मामले में जेल गया था।

डेढ़ वर्ष जेल में रहा लवलेश

भाई वेद तिवारी के मुताबिक वह इस मामले में डेढ़ वर्ष जेल में रहा। दूसरे मामले में वह 12 नवंबर 2021 को जेल गया और एक माह दो दिन बाद छूट गया था। इलाकाई लोगों का कहना है कि दो बार जेल जाने के बाद उसके खुराफाती दिमाग में डान बनने की सनक सवार हो गई थी। पड़ोसी दुष्यंत सिंह कहते हैं कि वह हमारे पड़ोस की गली में रहता है। इधर कुछ दिनों से दिखाई नहीं दिया था। यह उम्मीद नहीं थी कि यह लड़का इस तरह की वारदात को अंजाम दे सकता है। अधिवक्ता व्योमेश ने बताया कि यह हमारे चाचा का मकान है। यह परिवार इस मुहल्ले में 15 वर्षों से रह रहा है, हमारे घर में पिछले सात वर्षों से रहता है। लवलेश दबंगई जरूर दिखाता था पर इतनी बड़ी घटना को अंजाम देगा यह नहीं सोचा था।

बिलख कर बोली मां-गलत संगत ने बेटे को बिगाड़ा

माफिया अतीक की हत्या करने वाला लवलेश की मां आशा तिवारी ने बिलखते हुए कहा कि बेटे ने दूसरे के चक्कर में लड़की को थप्पड़ मार दिया था। उसकी गलत संगत ने ही उसे बिगाड़ दिया। उसे समझाते थे कि बेटा हम लोगों को धन-दौलत नहीं चाहिए, बस चैन की जिंदगी कट जाए। बहुत समझाती थी, काम धंधा करने के लिए भी कहा था। पता नहीं उसकी किस्मत में क्या लिखा है।

हमें तो कुछ कहने लायक नहीं छोड़ा

टीवी पर बेटे लवलेश को गोलियां चलाते देख अवसाद में आए पिता यज्ञ तिवारी सिर पर हाथ रख कुर्सी पर गुमसुम बैठे थे। बहुत कुरेदने पर बोले वह नशेड़ी था, जब से जेल गया, हमने तो नाता ही तोड़ दिया था। घर में कोई उससे मतलब नहीं रखता था। हमारी तो बहुत समय से बातचीत भी नहीं हुई थी। एक सवाल के जवाब में कहा कि उसने हमें कुछ कहने लायक ही नहीं छोड़ा है।

बोलीं दादी, हर साल होली पर आता था लवलेश

लवलेश के पैत्रक गांव लौमर गांव में सन्नाटा पसरा था। घर में अकेली दादी विद्यावती थीं, वहां दो कांस्टेबल उनसे बातचीत करते दिखे। गांव में हर कोई इस बात को लेकर चर्चा कर रहा था। दादी विद्यावती ने बताया कि लवलेश साल में एक बार होली पर आता था। पिछली होली पर भी आया था। बड़ा पौत्र रोहित हरिद्वार में संत है। आज तक लवलेश ने गांव में किसी से झगड़ा नहीं किया।