पुलिस के खिलाफ अधिवक्ताओं का फूटा गुस्सा
जागरण संवाददाता, बांदा : अधिवक्ता के साथ कोतवाली परिसर में मुंशी व कोतवाली प्रभारी द्वारा की
जागरण संवाददाता, बांदा : अधिवक्ता के साथ कोतवाली परिसर में मुंशी व कोतवाली प्रभारी द्वारा की गई अभद्रता पर कोई कार्रवाई न होने से अधिवक्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। मंगलवार सुबह आक्रोशित अधिवक्ताओं ने जजी परिसर के मुख्य एक गेट के सामने धरना दिया। टायर आदि जलाकर विरोध जताते हुए प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान किसी भी पुलिस कर्मी को कचहरी के अंदर नहीं घुसने दिया गया। अधिवक्ताओं ने शहर कोतवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की।
बीते 28 दिसंबर को अधिवक्ता प्रशांत ¨सह अपने किसी काम से कोतवाली गए थे। उनका आरोप है कि कोतवाली में तैनात एक मुंशी ने उनके साथ बिना वजह गाली-गलौज की। इसकी शिकायत कोतवाली प्रभारी आनंद ¨सह से की तो उन्होंने मुंशी की शिकायत सुनने के बजाय गाली-गलौज करते हुए धक्के मारकर कोतवाली से बाहर कर दिया। मामले की शिकायत अधिवक्ता संघ के महासचिव श्याम ¨सह के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने एसपी गणेश शाह से की थी। उन्होंने सीओ सिटी से जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया था। दो दिन तक कोई कार्रवाई न होने से अधिवक्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित अधिवक्ता धरने पर बैठ गए। किसी भी पुलिस कर्मी को जजी परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया। पुलिस प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी कर कोतवाल को हटाने के साथ ही रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की। दोपहर दो बजे एएसपी लाल भरत कुमार पाल अधिवक्ताओं को समझाने पहुंचे। लेकिन अधिवक्ता डीआईजी को बुलाने पर अड़े रहे। शाम चार बजे तक अधिवक्ताओं ने न तो बंदी वाहन अंदर जाने दिया और न ही किसी पुलिस कर्मी को अंदर फटकने दिया। धरने के दौरान बड़ी तादाद में अधिवक्ता मौजूद रहे।
अधिवक्ता संघ अध्यक्ष अशोक त्रिपाठी जीतू का कहना है कि बार संघ की गरिमा के साथ कोई छेड़छाड़ करेगा तो बर्दास्त नहीं किया जाएगा।