पैसा न निकलने पर बेचैन रहे खाता धारक
जागरण संवाददाता, बांदा : एसबीआइ मुख्य शाखा में खाताधारकों की परेशानियां कम होने का नाम नह
जागरण संवाददाता, बांदा : एसबीआइ मुख्य शाखा में खाताधारकों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बैंक में करीब 10 हजार खाता धारक हैं। लेकिन उस हिसाब से स्टाफ व संसाधन नहीं हैं। आए दिन सर्वर फेल होने से खाताधारक मायूस होते हैं। सोमवार को भी धन निकासी करने आए खाताधारकों को खाली पड़े काउंटर मुंह चिढ़ाते रहे।
कारोबार के सिलसिले में धन निकासी करने आए व्यवसायी अमर ¨सह ने बताया कि बैंकों की कई दिनों की बंदी से वह एक-एक रुपये को मोहताज हो गए हैं। कारोबार के सिलसिले में डेढ़ लाख रुपये की सख्त जरूरत थी। लेकिन बैंक में सर्वर न होने से उसे मायूस होना पड़ा। वहीं अधिवक्ता अजय ¨सह भी इसी बैंक के खाता धारक हैं। एक केस के सिलसिले में वादी के 50 हजार रुपये जमा थे। सोमवार को इन पैसों की जरूरत पड़ गई। लेकिन सर्वर ठप होने से धन निकासी नहीं हो सकी। उन्हें किरकिरी झेलनी पड़ी। उधर, प्रधानमंत्री आवास के लिए खाता खुलवाने आई कुसमा बाहर परिसर में बैठे बैंक की ओर निहारती रही। बताया कि उसका खाता आज नहीं खुला तो मौका हाथ से निकल जाएगा। कंप्यूटर की खराबी उसे बर्बाद कर रही है। वहीं किसान देवेंद्र शुक्ला ने बताया कि सप्ताह भर से खेत तैयार पड़े हैं। खाद व बीज के लिए करीब 25 हजार रुपये की जरूरत है। लेकिन पांच दिनों से छुट्टी के बाद स्टेट बैंक की व्यवस्था ने उसे मायूस किया। ऐसे ही तमाम ग्राहक सर्वर डाउन होने से मायूस होकर बैरंग लौटते रहे।
-----------
तीन शाखाओं के माध्यम से हुई क्लीय¨रग
एसबीआइ मुख्य शाखा से तीन ब्रांच जुड़ी हैं। ये तीनों शहर के कालूकुआं, अलीगंज व रामलीला मैदान में चल रही हैं। इन ब्रांचों में भी सर्वर डाउन होने का प्रभाव पड़ा। हालांकि यहां चेक क्लीयर होने से काफी राहत रही।
-------------
आखिर सर्वर रूम में कैसे घुसा चूहा
मुख्य शाखा अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। मुख्य सर्वर रूम में विशेष दरवाजे लगे हैं। ऐसे में उस रूम में चूहे आखिर कैसे दाखिल हुए। यह बैंक की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। इस बाबत सवाल का जवाब देने से बैंक के अधिकारी बचते रहे।
----------
-सर्वर का तार कटने से लेन-देन में दिक्कत आई है। स्थानीय तकनीकी टीम ने देर शाम तक खामियां सुधार ली हैं। सुबह से ग्राहकों को लेन-देन की सुविधा मिलेगी-रवींद्र प्रताप ¨सह, मुख्य प्रबंधक, स्टेट बैंक, बांदा