जेल से छूटे हिस्ट्रीशीटर ने कमरा बंद कर लगाई फांसी
संवाद सहयोगी/अतर्रा बबेरू महुटा गांव में कुछ दिन पहले चित्रकूट जेल से छूटे हिस्ट्रीशीटर
संवाद सहयोगी/अतर्रा बबेरू : महुटा गांव में कुछ दिन पहले चित्रकूट जेल से छूटे हिस्ट्रीशीटर ने फांसी लगा जीवनलीला समाप्त कर ली। सुबह देर तक कमरा नहीं खुलने पर पत्नी ने पुलिस को सूचना दी। दरवाजा तोड़ने पर शव फंदे से लटका नजर आया।
ग्राम महुटा निवासी 34 वर्षीय सौरभ गर्ग देर रात शराब के नशे में घर पहुंचा। शराब पीने को लेकर पत्नी रानी से कहासुनी होने के बाद कमरे में जाकर अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। पत्नी ने काफी देर तक दरवाजा खुलवाने की कोशिश करती रही लेकिन सफल नहीं हो सकी। इस पर रानी ने चित्रकूट में रहने वाले ससुर रिटायर्ड स्वास्थ्य कर्मचारी केदार प्रसाद को फोन कर इसकी जानकारी दी। पिता ने कहा कि नशे में होगा सुबह खुद दरवाजा खोल देगा। तुम सब भी सो जाओ।
देर होने पर पुलिस को दी सूचना, तोड़ा गया दरवाजा
सुबह करीब नौ बजे तक दरवाजा नहीं खुला तो रानी ने पड़ोसियों के साथ ही चौकी पुलिस को सूचना दी। महुटा चौकी इंचार्ज के अलावा प्रभारी निरीक्षक व सीओ अतर्रा सत्यप्रकाश शर्मा मौके पर पहुंचे। सब्बल से दरवाजे की कुंडी तोड़ी गई तो रसोईघर की छत के छल्ले में गमछा के फंदे से सौरव का लटकता शव नजर आया। चौकी इंचार्ज धनंजय सरोज ने बताया कि सौरव शराब का आदी था। अतर्रा थाना में 26 नंबर में हिस्ट्रीशीटर में नाम दर्ज था। एक पखवारे पूर्व दफा 25 के मुकदमें से चित्रकूट कारागार से जमानत पर रिहा हुआ था।
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पत्नी वियोग में युवक ने साड़ी का फंदा बना दे दी जान
संवाद सूत्र, बबेरू : पतवन गांव निवासी 28 वर्षीय वीरेंद्र कुमार रैदास मजदूरी कर परिवार का भरणपोषण करता था। गुरुवार सुबह वह काफी देर तक घर से बाहर नहीं निकला तो पड़ोसियों ने झांककर देखा। धन्नी से साड़ी के फंदे से लटका उसका शव नजर आया। पड़ोसियों ने बताया कि वीरेंद्र की पत्नी सत्यरूपा काफी दिनों से बीमार चल रही थी। कुछ दिन पहले वह अपनी बेटियों मनीषा और पूनम को लेकर मायके बिसंडा चली गई। पत्नी के जाने के बाद वीरेंद्र परेशान रहता था। हमेशा पत्नी व बच्चों की ही बातें करता था। कयास है कि इसी तनाव में उसने फांसी लगा ली।