बाहर से आए 7074 परदेसी किए गए क्वारंटाइन
महानगरों में काम बंदी के बाद हजारों मजदूर पैदल व अन्य वाहनों से चलकर अपने घरों को आए हैं। इन लोगों को चिह्नित कर क्वारंटाइन करने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों व लेखपालों को सौंपी गई है। गांवों में अभी तक ऐसे 7074 लोगों को विद्यालयों व पंचायत घरों में 14 दिन के क्वारंटाइन में रखा जा चुका है। इनकी निगरानी विकास भवन के नियंत्रण कक्ष से की जा रही है। यहां 24 कर्मचारी लगाए गए हैं। देश में 24 मार्च से 21 दिन का लॉक
जागरण संवाददाता, बांदा : महानगरों में काम बंदी के बाद हजारों मजदूर पैदल व अन्य वाहनों से चलकर अपने घरों को आए हैं। इन लोगों को चिह्नित कर क्वारंटाइन करने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों व लेखपालों को सौंपी गई है। गांवों में अभी तक ऐसे 7074 लोगों को विद्यालयों व पंचायत घरों में 14 दिन के क्वारंटाइन में रखा जा चुका है। इनकी निगरानी विकास भवन के नियंत्रण कक्ष से की जा रही है। यहां 24 कर्मचारी लगाए गए हैं।
देश में 24 मार्च से 21 दिन का लॉकडाउन घोषित होने के बाद अहमदाबाद, सूरत, दिल्ली, राजस्थान के जयपुर जैसे महानगरों से हजारों की संख्या में श्रमिक व कामगार पत्नी व बच्चों के साथ पैदल और रास्ते में कई वाहनों का सहारा लेते हुए यहां पहुंचे हैं। तमाम ऐसे मजदूर हैं, जो खेतों के रास्ते सीधे गांव पहुंच गए हैं। इससे पूरे गांव में हलचल है। ऐसे परदेसी कामगारों को तलाशने की जिम्मेदारी रोजगार सेवकों, ग्राम प्रधानों व लेखपालों को सौंपी गई है। ये अपने-अपने ग्राम सभाओं में निगाह रख रहे हैं। बाहर से आए मजदूर की जानकारी होने पर तुरंत जानकारी कंट्रोल रूम को दी जा रही है। विकास भवन के सभागार में नियंत्रण कक्ष खोला गया है। इसमें जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी संजीव कुमार बघेल और बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिश्चंद्रनाथ को नोडल बनाया गया है। यहां दो पालियों में 24-24 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। प्रत्येक ब्लाक से तीन कर्मचारी शामिल किए गए हैं। सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक ये कर्मचारी अपने-अपने क्षेत्र का लोकेशन ले रहे हैं। अभी तक सभी ब्लाकों में 7074 बाहर से आए लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। सबसे ज्यादा नरैनी ब्लाक में 1345 यात्री क्वारंटाइन किए जा चुके हैं। प्राथमिक विद्यालय व पंचायत घरों में इन्हें 14 दिन के लिए रखा गया है।