60 हजार से अधिक किसानों का पंजीकरण बाकी
जागरण संवाददाता, बांदा : सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए अब आनलाइन पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है
जागरण संवाददाता, बांदा : सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए अब आनलाइन पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। वैसे तो पंजीकरण का कार्य पिछले काफी समय से चल रहा है लेकिन अभी भी 60 हजार से अधिक किसानों का पंजीकरण नहीं हो पाया। विभाग का कहना है कि इस वित्तीय वर्ष के लिए जो लक्ष्य मिला है उसमें 3 फीसद ही शेष बचा है।
कृषि सहित अन्य संबंधित विभागों से किसानों को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिया जाता है। जिसमें कृषि यंत्रीकरण जैसी योजनाएं प्रमुख हैं। लेकिन योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसानों का पंजीकरण जरूरी हो गया है। सरकार द्वारा लागू की गई इस व्यवस्था के बाद जिले में काफी दिनों से पंजीकरण का काम चल रहा है। बावजूद इसके बड़ी संख्या में किसान अभी पंजीकरण से वंचित हैं। कृषि विभाग के आंकड़ों को देखें तो जिले में कुल 2 लाख 64 हजार कृषक हैं। जिसमें अब तक 2 लाख किसानों के पंजीकरण का दावा किया गया है। पंजीकरण के साथ आधार भी अनिवार्य है। किसानों की कुल संख्या के आधार पर देखें तो अभी भी 60 हजार से अधिक का पंजीकरण होना बाकी है। उप कृषि निदेशक एके ¨सह का कहना है कि वर्ष 2017-18 के लिए 75 फीसद पंजीकरण का लक्ष्य मिला था। जिसके सापेक्ष 72 फीसद पंजीकरण पूरा हो चुका है। इस वित्तीय वर्ष के लक्ष्य में लगभग साढ़े सात हजार किसानों का और पंजीकरण होना है जिसे 31 मार्च तक पूरा कराया जाएगा। शेष जो बचेंगे उन्हें अगले वित्तीय वर्ष यानी 2018-19 के लक्ष्य में शामिल किया जाना है। निदेशक ने बताया कि कुछ ऐसे भी किसान हैं जिनके पास आधार कार्ड उपलब्ध न होने के चलते पंजीकरण में दिक्कतें आ रही हैं।
इनसेट
आधार के साथ खतौनी भी जरूरी
बांदा : किसान पंजीकरण योजना के तहत रजिस्ट्रेशन में किसानों को आधार के साथ खतौनी का ब्यौरा देना पड़ता है। उपनिदेशक ने बताया कि इसके अलावा बैंक खाता व मोबाइल नंबर भी जरूरी है।