दलहन खरीद में किसानों का 31.32 करोड़ बकाया
चारों जनपदों में दलहन खरीद के लिए पीसीएफ के छह खरीद केंद्र खोले गए गए। प्रभारियों ने गड़बड़ी करते हुए लक्ष्य से कई गुना ज्यादा खरीद कर ली। तीन माह में 5137 किसानों ने अपना चना केंद्रों में बेंचा। लेकिन इनमें सिर्फ 1620 किसानों का सत्यापन कर केंद्र प्रभारियों ने भेजा है। इससे सिर्फ इन्हीं का भुगतान हुआ है। केंद्रों पर किसानों का 31.32 करोड़ रुपये बकाया है। चित्रकूटधाम मंडल में बांदा में मंडी
जागरण संवाददाता, बांदा : चारों जनपदों में दलहन खरीद के लिए पीसीएफ के छह खरीद केंद्र खोले गए गए। प्रभारियों ने गड़बड़ी करते हुए लक्ष्य से कई गुना ज्यादा खरीद कर ली। तीन माह में 5137 किसानों ने अपना चना केंद्रों में बेंचा। लेकिन इनमें सिर्फ 1620 किसानों का सत्यापन कर केंद्र प्रभारियों ने भेजा है। इससे सिर्फ इन्हीं का भुगतान हुआ है। केंद्रों पर किसानों का 31.32 करोड़ रुपये बकाया है।
चित्रकूटधाम मंडल में बांदा में मंडी समिति और अतर्रा सहकारी समिति में दो केंद्र खोले गए थे। बांदा में 425 मीट्रिक चना खरीद का लक्ष्य था। इसके मुकाबले केंद्र प्रभारी ने 1642 मीट्रिक खरीद कर डाली। वहीं अतर्रा में 400 एमटी के मुकाबले 1625 एमटी खरीद हुई। यहां किसानों का दस करोड़ 87 लाख रुपये भुगतान बकाया है। दोनो केंद्रों में 2055 किसानों ने चना बेंचा। इनमें से 697 किसानों का सत्यापन हुआ है। महोबा जनपद में जैतपुर में एक केंद्र खुला था। इसमें 325 मीट्रिक टन लक्ष्य के सापेक्ष 2875 किसानों से 5579 एमटी खरीद हुई। इनमें सिर्फ 923 किसानों का सत्यापन किया गया। यहां किसानों का 18.19 करोड़ रुपये भुगतान बकाया है। चित्रकूट जनपद में भौंरी स्थित मंडी में खरीद केंद्र खोला गया था। लक्ष्य जीरो था और खरीद हो गई 462 मीट्रिक टन। 207 किसानों ने अपना चना बेंचा। इनमें अभी तक एक भी किसान का सत्यापन नहीं हो सका। चित्रकूट में 2.25 करोड़ रुपये भुगतान बकाया है। खरीद बंद होने के बाद किसान अब केंद्रों के चक्कर लगा रहे हैं। कुल हुई 9309 मीट्रिक खरीद में अभी 2751 मीट्रिक टन चना केंद्रों में ही डंप है। जब इसकी डिलेवरी हो जाएगी और सत्यापन हो जाएगा तभी किसानों का भुगतान होगा। 3517 किसान सत्यापन को भटक रहे हैं। सत्यापन के नाम पर किसानों से कमीशन भी मांगा जा रहा है। जबकि मंडलायुक्त ने दलहन बेंचने वाले किसानों का भुगतान एक पखवारे के अंदर करने के निर्देश दिए थे।
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सरसो में भी फंसा भुगतान
पीसीएफ ने महोबा के जैतपुर में सरसो खरीद केंद्र खोला। यहां तीन माह में 29 किसानों ने 41 मीट्रिक टन सरसो बेंचा। इनमें से सिर्फ 16 किसानों का ही सत्यापन व भुगतान हुआ है। यहां अभी 13 किसानों का 6.79 लाख रुपये केंद्रों पर बकाया है। किसानों से खरीदा गया सरसो अभी केंद्रों में डंप है।
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किसानों की जुबानी
-अतर्रा स्थित सहकारी समिति में खुले खरीद केंद्र में दस क्विंटल चना की बिक्री थी। एक माह से ज्यादा बीत गए अभी तक भुगतान नहीं किया गया। केंद्र प्रभारी आज कल की बात कहकर लौटा रहे हैं।
-अमर सिंह, ग्राम महुटा
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-अतर्रा के पीसीएफ केंद्र में साढ़े 11 क्विटल चना बेंचा था। अब भुगतान के लिए चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। प्रभारी कहते हैं कि सत्यापन की प्रक्रिया में अभी समय लग जाएगा। जबकि घर में पैसों की कड़की है।
-अनिरुद्ध कुमार सिंह, खुरहंड
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क्या कहते हैं अधिकारी
-किसानों के सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। कई किसानों के बैंक खाते गलत हैं तो कई अन्य त्रुटियां हैं। इन्हें दुरुस्त करने में समय लग रहा है। सत्यापन भेजने के बाद भुगतान सीधे लखनऊ से होता है। जल्द ही भुगतान कराने का प्रयास किया जा रहा है।
-पुष्पेंद्र कुशवाहा, क्षेत्रीय प्रबंधक, पीसीएफ, चित्रकूटधाम मंडल